29अप्रैल 2023/ बैसाख शुक्ल नवमी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
हां, रविवार को आ रहा है लगातार तीन कल्याणकों की कड़ी में, हमारे 24 वे तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी का ज्ञान कल्याणक दिवस। 12 वर्ष के कठोर तप के बाद, वैशाख शुक्ल दशमी को रिजुकुला नदी के किनारे, शाल वृक्ष के नीचे, केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है , और फिर कुबेर 12 किलोमीटर विस्तार के समोशरण की रचना करता है ।
पर 66 दिन तक उनकी वाणी नहीं खिरती। क्यों? कभी चिंतन किया इस पर? जब 23 तीर्थंकरों की दिव्य ध्वनि केवल ज्ञान प्राप्ति के, समोषरण रचना के तुरंत बाद खिरनी शुरू हो जाती है, तब क्यों 24वे तीर्थंकर को एक-दो दिन नहीं, 66 दिन तक इंतजार करना पड़ता है।
हां , इंतजार करना पड़ता है, केवल उसके लिए, जो उनकी दिव्य ध्वनि को झेल सके, समझ सके। इतना ज्ञानवान होना भी, समोशरण में उपस्थित होना चाहिए और फिर सोधर्मेंद्र उसी को ढूंढते इंद्रभूति गौतम को लेकर आते हैं , जो आगे चलकर गौतम गणधर के नाम से प्रसिद्धि पाते हैंआपका केवलीकाल 30 वर्ष का था और आप के प्रमुख गणधर, गौतम स्वामी के साथ, कुल 11 गणधर थे ।
बोलिए 24 वे तीर्थंकर महावीर स्वामी के ज्ञान कल्याणक की जय जय जय।