22 मई बैसाख शुक्ल दशमी: तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी ज्ञान कल्याणक

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7 हाथ की ऊंचाई वाले अंतिम तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी 12 वर्ष तक कठोर तप करने के बाद बैसाख शुक्ल दशमी (जो 22 मई को है) को ऋजुकला नदी के किनारे मघा नक्षत्र के पूर्वाह्न काल में शाल वृक्ष के नीचे केवलज्ञान की प्राप्ति हुई।

अन्य 23 तीर्थंकरों की तरह सौधर्मेन्द्र की आज्ञा से कुबेर ने एक योजन विस्तार वाला समोशरण रच दिया, पर आपकी दिव्य ध्वनि नहीं खिरी। उचित श्रोता के लिये गौतम इन्द्रभूति के रूप में 66 दिन बाद दिव्य ध्वनि खिरी।