अब आचार्यश्री के गृहस्थावस्था के सभी परिवारजन मोक्षमार्ग पर आरूढ़ – ज्येष्ठ भ्राता श्री महावीर जी जैन अष्टगे ने सातवी ब्रह्मचर्य प्रतिमा के व्रत ग्रहण किए

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25 अगस्त 2022/ भाद्रपद कृष्ण त्रियोदिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थावस्था के ज्येष्ठ भ्राता श्री महावीर जी जैन अष्टगे ने 24.08.2022 को शिरपुर जैन, जिला वाशिम, महाराष्ट्र में आचार्यश्री से श्रावकों की सातवी ब्रह्मचर्य प्रतिमा के व्रत ग्रहण किए। अब आचार्यश्री के गृहस्थावस्था के सभी परिवारजन मोक्षमार्ग पर आरूढ़ हो गए ।

आचार्य श्री के दो भाई पूर्व से मुनि पद को प्राप्त है,अब चौथे भाई भी ब्रह्मचर्य प्रतिमा का संकल्पमन, वचन, काय एवं कृत, कारित, अनुमोदना से जो श्रावक मैथुन का त्याग करते हैं, उन्हें ब्रह्मचर्य प्रतिमाधारी श्रावक कहते हैं। ब्रह्मचर्याणु व्रत में स्व स्त्री से सम्बन्ध रहता है किन्तु ब्रह्मचर्य प्रतिमा में स्व स्त्री से भी विरत हो जाते है मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर श्री महावीरजी जैन अष्टगे द्वारा सातवी प्रतिमा ग्रहण करने की बहुत बहुत अनुमोदना एवं शुभकामनाएं

संकलन कर्ता – राज कुमार अजमेरा,नवीन जैन