एसा पहली बार हुआ था कि देश की राजधानी में आचार्यश्री ने अपने शिष्य भेजे हों और उनके द्रारा अभूतपूर्व धर्म प्रभावना की गयी हो! और तो और ताज नगरी आगरा नगर मे भी 50 साल के इतिहास में पहली बार आचार्य श्री ने अपने शिष्यो को चातुर्मास के लीये भेजा, वो भी दो नहीं, पूरे पांच पांच!
मुनी प्रणम्यसागर जी महाराज संघ ने जहां दिल्ली के लालकिले से अर्हं योग का आगाज करा ३० हजार से भी अधिक लोगों के तन, मन और चेतन को स्वस्थ्य किया वहीं विश्व के सातवें आश्चर्य और प्रेम के प्रतीक ताज महल पर सभी को विश्व शांति का संदेश दिया और अर्ह॔ योग कराया! उनके द्वारा दिल्ली के तिहाड जेल और आगरा के केंद्रीय जेल में अर्हं योग का प्रशिक्षण करा नित्य सैंकडो बंधियों ने लाभ दिलवाया जा रहा है! ३० देशों से लाखों लोगों ने कोरोना लौकडाउन मे अर्हं स्वधर्म शिविर मे लाभ दिलाकर जिनवाणी की जबरदस्त प्रभावना की गयी!
मुनी प्रणम्यसागर सागर पू.जी द्रारा आगरा मे जहां लगातार 54 दिन तक हजारों लोगो से भरे पान्डाल मे आगरा मे ही लिखित आगरा के ही महान विद्वान पन्डित भूधरदास जी की पार्श्व पुराण पर आधारित पार्श्व कथा का आगरा के ही लोगों को श्रमण कराया वहीं इस कथा को आगमवाणी व यू ट्यूब के माध्यम से विश्व भर मे लाखो लोगो ने सुना! भारतीय मनोपटल मे कथाओं के प्रति आज भी कितनी रुची है उन्होने इस जैन पार्श्व कथा को राम कथा आदि की तरह रख कर एक नया कीर्तिमान रचा!
आज मुनिद्व्य प्रणम्यसागर जी, चन्द्र सागर जी व त्रय मुनिराज मुनी वीर सागर जी विशाल सागर जी व धवल सागर जी के अपने गुरुदेव आचार्य भगवन्त विद्यासागर जी महाराज के मंगल मिलन की शुभ बेला पर शत शत वन्दन!
मनोज कुमार जैन बांकलीवाल, आगरा