भाव विहल कर देने वाला महामिलन , विनय संपन्नता का अनुपम उदाहरण – मुनि पुंगव सुधासागर ससंघ व मुनि श्री प्रसादसागर ससँघ

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चाँदखेड़ी ,चंद्रोदय तीर्थ चाँदखेड़ी पर 10-11-2021 एक नया इतिहास बन गया जब मुनि श्री प्रसादसागर महाराज ससँघ व निर्यापक श्रमण मुनि पुंगव सुधासागर महाराज ससंघ का भाव भीना महामिलन स हुआ जब समस्त मुनि संघ ने निर्यापक श्रमण सुधासागर महाराज की परिक्रमा की व चरण वंदना की मोजूद समुदाय भाव विहल हो उठा व विहंगम द्रश्य सचमुच विनय सम्पनन्ता का एक अनुकरणीय उदाहारण प्रस्तुत करता है। जय जय कार की गूंज मेरी तो पतंग उड़ गयी है जैसी भजनों की गूंज आवरण को औऱ पुलकित कर रही थी। ऐसे अलोकिक क्षण सचमुच अविस्मरणीय व चिरस्थायी है।

आज बाबा ने मेरी आस पुरी कर दी : प्रसाद सागर जी
इस अवसर पर धर्म सभा को सबोधित करते हुए मुनि श्री प्रसाद सागर महाराज ने कहा तलघर के आदिनाथ बाबा के दर्शन कर में गदगद हो गया। कही वर्षो की आस आज बाबा ने पुरी कर दी। उनके दर्शन कर मैं धन्य हो गया।

उन्होंने कहा यहां नही लगता दीपवाली खत्म हो गई है।यहाँ तो अभी तक दीपवाली चली रही है।तीर्थक्षेत्र हमारी धरोहर है। इसका सरक्षण हमारा कर्तव्य है। राजस्थान की भूमि वह भूमि है जहाँ आचार्य श्री विद्यासागर महाराज दीक्षित हुए, उन्होने इतिहास पर जोर डालते हुए कहा पन्नाधाय ने उदयसिंह का सरक्षण किया वह पन्नाधाय राजस्थान कि औऱ जैन है। उन्होंने कहा राजस्थान आने का सौभाग्य मिला मैं बहुत खुश हूं उन्होंने गुरुनाम गुरु आचार्य ज्ञानसागर महाराज को भी नमन किया। इस अवसर पर उद्बोधन देते हुए मुनि श्री उत्तम सागर महाराज भाव विहल हो गए। अंत मे निर्यापक श्रमण सुधासागर महाराज ने श्रमण परंपरा पर प्रकाश डाला।
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमडी