विश्वास तो नहीं होगा, पर सबसे लोकप्रिय कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, क्या पहले जैन मंदिर था? आज भी वहां पर साठ तीर्थंकर प्रतिमाएं उकेरी हुई, देखिए 3 प्रमाण

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27 जुलाई 2023/ श्रावण अधिमास शुक्ल नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन/ दिल्ली/EXCLUSIVE
जैन संस्कृति, विरासत को कितनी बार पलटा गया, बदला गया, उसके सबूत आज भी दिख जाते हैं और बदलने, मिटाने की साजिश तो आज भी निरंतर चल रही है। चाहे वह गिरनार में हो, पावागढ़ में हो, केसरिया जी में हो, गोमेटगिरी हो या फिर तमिलनाडु में, कर्नाटक में, आंध्र प्रदेश में, तेलंगाना में, या किसी और राज्य में , सिलसिला बदलने का था और आज भी चल रहा है। ऐसे ही है महाराष्ट्र के कोल्हापुर का विश्व विख्यात महालक्ष्मी मंदिर।

अगर सोशल मीडिया में सर्च करें तो आपको इसकी प्रमाण दिख जाएंगे आसानी से, अगर आप पुस्तकों में जाए ,तो भी आपको प्रमाण दिख जाएंगे , पढ़ने को मिल जाएंगे। किसी भारतीय से ही नहीं, अंग्रेजों के द्वारा भी और आज भी आप देखना चाहें तो वहां आपको प्रमाण दिख जाएंगे। ऐसे ही तीनों तरह से सोशल मीडिया से, ऐतिहासिक किताबों से, और वहां दिख रही दीवारों से ।

चैनल महालक्ष्मी आज गुरुवार 27 जुलाई को रात्रि 8:00 बजे अपने एपिसोड नंबर 2012 में आपको दिखाएगा, 3 बड़े कारण,

जो कहते हैं कि महालक्ष्मी मंदिर कभी जैन मंदिर था और उसे क्या बदला गया?
कौन सी मूर्ति है वहां?
कितनी मूर्तियां है जो तीर्थंकर की लगती है?
क्या पद्मावती देवी की कोई मूर्ति है?
किसने बनवाया मंदिर ?
किसने रखी थी मूर्ति ?
क्या कहती है दीवारें ?

बहुत कुछ ,आज , गुरुवार 27 जुलाई को, रात्रि 8:00 बजे देखिए, जरुर चैनल महालक्ष्मी पर।