॰ बड़ी पार्टी के बड़े मंत्री का खासमखास है आरोपी
॰ बेरहमी से करता रहा पिटाई, और नोचता रहा जिस्म
॰ अनेक लड़कियों के साथ हम बिस्तर और वसूले नोट
॰ जैन युवती की आबरू के साथ लुटे 42 लाख
॰ प्राथमिकी दर्ज, पर कार्रवाई कब?
24 मई 2024/ जयेष्ठ कृष्ण एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
‘मार दूंगा तेरे बेटे को, अगर तूने मुझसे शादी नहीं की।’ हर धमकी के साथ जैन युवती टूटती गई। वो फिर घर पर उसके बेटे और मां को उठा लाया। उसकी मां से कहा अपनी बेटी को राजी करवाओ, वर्ना बेटे को मार दूंगा। और उससे कहा सब कुछ उससे सही हो जाएगा, बस इस कागज पर हस्ताक्षर कर दे। मरती क्या ना करती, कर दिये हस्ताक्षर और फिर वो बोला – यह था निकाहनामा। अब तेरा जिस्म मेरा हो गया।
जम्मू में रहने वाली एक जैन युवती ने बाहू फोर्ट, जम्मू के थानाध्यक्ष को एक प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसका सोशल मीडिया पर 30 सेकेंड का उत्पीड़न का एक वीडियो भी वायरल हुआ है, जिसे 25 लाख से ज्यादा लोगों ने देख लिया, पर आरोपी की संभवत: अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई, क्योंकि वह देश की सबसे बड़ी पार्टी का नेता है और उसके बड़े मंत्री का खासम खास है। वैसे उस राजनीतिक पार्टी ने पत्र जारी कर कहा है कि उसे निष्कासित कर दिया है।
प्राथमिकी के आरोपों के अनुसार यह दर्दनाक कहानी 2021 से शुरू होती है, जब जम्मू का आकिब मीर, जो बड़ी पार्टी का बड़ा नेता, अपने को राष्ट्रभक्त बताता है, पर हकीकत में वहशी भेड़िया होता है। वह अपने को रवि राजपूत के नाम से इंस्टाग्राम के जरिये उस निर्भया जैन (काल्पनिक नाम) के संपर्क में आता है। जिसका पति काफी बीमार, बिस्तर पर था और उसका एक बेटा, उसकी इस मजबूरी का फायदा उठाते इमोशनली ब्लैकमेल करता है। दोनों में दोस्ती हो जाती है, फिर एक दिन स्नेपचेट को डाउनलोड करते युवती को मालूम चलता है कि इसका असली नाम आकिब मीर है। वह उससे पता करती है, तो कहता है कि तुम्हारी भावनाओं को ठेस ना पहुंचे, इसलिये असलियत छिपाई। उसने कहा मुझसे शादी कर लो, तुम्हारी सारी तकलीफें खत्म हो जाएंगी, तुम्हारे बेटे को भी अपना लूंगा। पर उसने मना कर दिया।
फिर तो वो धमकाने लगा, बैटे को मार दूगां। तब भी नहीं डिगी वह। फिर एक दिन वह उसके बेटे और मां को अपने घर भटण्डी ले गया और उसकी मां से बोला -अगर अपने पोते को जिंदा चाहती है तो अपनी बेटी से कह वह मुझसे शादी कर ले। तड़प गई, मजबूर हो गई, आरोपी ने निर्भया से कहा – सब मुसीबत खत्म हो जायेंगी, इस कागज पर हस्ताक्षर कर दे। मरती क्या ना करती, उर्दू में लिखे कागज पर हस्ताक्षर कर दिये। कागज लेकर वह बोला- यह निकाहनामा है, अब तेरा जिस्म मेरा है।
बड़ा धक्का लगा, वो टूट गई, जिंदा ही मानो, मार दी गई। पन्द्रह दिन बाद उसके पास एक प्रापर्टी डीलर आया कि अपने बच्चे को बचाना चाहती हो तो यह करना होगा। दिमागी हालत बिगड़ गई थी, अंधेरा-गुमनामी में, वह मान गई और अपना सारा गहना-आभूषण 42 लाख में बेच दिये, 32 लाख रुपये आकिब ने उस प्रापर्टी डीलर से अपने नाम बिल्डिंग खरीदी और शेष रख लिये, उसका बैंक भी खाली करा लिया।
अब तो जिस्मानी रिश्ते बनाने के लिए, उसको बेरहमी से मारने-पीटने का सिलसिला शुरू हो गया। उसकी असहमति के बावजूद उसके शरीर को नोंचता-खोंचता। निर्भया ने प्राथमिकी में कहा है कि उसकी यह आदत बन गई और अनेक लड़कियोंके साथ वह हम बिस्तर होता और उनसे पैसे वसूलता।
23 अप्रैल को जब उसने कहा कि इस बिल्डिंग के कागज मेरे नाम कर दे, तब वह बोला – तुझे क्या लगता है, कि मैं तेरे पे मरता हूं, मुझे पैसा चाहिए था, वो मुझे मिल गया है, अब ज्यादा बकवास की तो तेरे बेटे को जिंदा गाड़ दूगां। औकात में रह, पर्दा कर, घर के सारे काम कर, वर्ना दफा हो जा। और कुछ दिन में वो उसे बुरी कंडीशन में छोड़, जम्मू से डोडा चला गया।
सबकुछ लुट गया, आबरू भी और सारी पूंजी भी। आज एक जैन युवती न्याय की भीख मांग रही है और बड़ी पार्टी का बड़ा नेता, मानो अट्टाहस कर रहा है, अनेकों को नोंचा है, तू कौन-सी अलग है।