बर्बादी का रास्ता LOVE JIHAD ! जैन बनकर इज्जत से खिलवाड़

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॰ शादीशुदा मौहम्मद शाहरूख ने जैन नकाब पहनकर बीमा कर्मचारी को फंसाया, लूटता रहा इज्जत, करा बर्बाद!
15 मई 2024/ बैसाख शुक्ल अष्टमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/शरद जैन /
इन्दौर से गत वर्ष जैन कारोबारी के नौ साल के बेटे मनन जैन को मन्नान अहमद बनाकर खतना करवाया और उसके साथ ‘तेरी बीवी को भी आतंकवादी बनाने के खुलासे’ से शांति भी नहीं मिली कि अब इन्दौर से नया पीठा, चंदन नगर में रहने वाले शादीशुदा मौहम्मद शाहरूख का पर्दाफाश हुआ है।

इंश्योरेंस रिलेशन मैनेजर के रूप में काम करने वाली जैन बिटिया का बीमा के लिये एक व्यक्ति से सम्पर्क हुआ। उसका नाम जानने के बाद उसने अपना असली परिचय छिपा, यश जैन से दिया। मोबाइल पर बातचीत, चैटिंग में बदल गई। फर्नीचर के कारीगर की मीठी-मीठी बातों में फंस गई। शादी के प्रस्ताव अविवाहित जैन के रूप में दिया। फिर उससे एम आर 10, सुखलिया इलाके में मौसी के घर पर मिलना शुरू किया। शादी की बात करते, बातें इतनी बढ़ी की शारीरिक संबंध भी बना लिए। फिर इसी तरह एक मुलाकात 15 अप्रैल को हुई, कुछ जैन संबंधी बातों को न जानने से बिटिया को शक हुआ, लगा यश कुछ छिपा रहा है। फिर खोज से पता चला कि उसका असली नाम मौहम्मद शाहरूख है। यह तो इज्जत लुट गई। अब उसके बारे में और जानकारी पाने के लिये उसके घर नया पीठा में पहुंची और उसके परिवार वालों से बात की, तो पता चला वह तो पहले ही शादीशुदा है। अब तो पीड़िता के पास अपने मां-बाप को बताने का ही विकल्प बचा। उन्हें बताया। नाम बदलकर दोस्ती करने, धार्मिक पहचान छिपाने, शादी का झांसा देकर बलात्कर करने की धाराओं में हीरा नगर, इन्दौर में केस दर्ज हुआ।

एक फर्नीचर बनाने वाले शादीशुदा मुस्लिम के झांसे में फिर आ गई एक जैन बेटी, बस पूरी बर्बाद होने की दहलीज से निकल आई। पर क्या ऐसी घटनाओं पर विराम लगेगा?
इन दोनों घटनाओं की पूरी जानकारी व चिंतन आप चैनल महालक्ष्मी के सनसनीखेज एपिसोड नं. 2589 – ‘आतंकी बनाऊंगा तेरे बेटे को, जैन नकाब में लूटता रहा इज्जत’ देख सकते हैं।

सान्ध्य महालक्ष्मी चिंतन : जरूरी है बेटी के मोबाइल, उसका पासवर्ड, चैटिंग, सोशल मीडिया एकाउंट की जानकारी परिजनों को हो। जरा-सी ढील बहुत खतरनाक हो सकती है। बेटी के व्यवहार में अचानक परिवर्तन दिखे, तो सजग हो जायें। देर रात में चैटिंग या बातचीत, बिना पैसे के उसके पास चीजें, देर से घर लौटने, जल्दी जाने के साथ, कहीं जाने की बात, भूख न होने का बहाना, परिवार में बैठने की बजाय कमरा बंद करके बैठना, अपना मोबाइल न देना, आदि कुछ ऐसे संकेत हैं कि कुछ तो गड़बड़ है। यही नहीं, बच्चों के पास कुछ देर बैठें, उनके विचारों को जानें, उनसे भी कई संकेत मिल जाते हैं। एक ढील खतरनाक रास्ते पर ले जा सकती है,
और सतर्कता बेटी का जीवन बचा सकती है।