15 अप्रैल : 17वें तीर्थंकर जी श्री कुंथुनाथ जी का ज्ञान कल्याणक, 23,734 वर्ष केवलीकाल, 35 धनुष का कद और 35 ही गणधर

0
1748

16वें तीर्थंकर श्री शांतिनाथ जी से धर्म का सतत् प्रवाह चलता आ रहा है। फिर उन्हीं की तरह 17वें तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ जी के भी चारों कल्याणक हस्तिनापुर की धरा पर हुए। 95 हजार वर्ष की आयु वाले तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ जी को 16 वर्ष के तप के बाद सेहतुक वन के तिलकवृक्ष के नीचे, चैत्र शुक्ल तृतीय (15 अप्रैल) को अपराह्न काल में केवलज्ञान की प्राप्ति हुई। 23,734 वर्ष में केवलीकाल में अपने समोशरण के माध्यम से सतत् ज्ञान वर्षा की। 35 धनुष का कद और आपके 35 ही गणधर बने। बोलिये, तीर्थंकर श्री कुंथुनाथ भगवान की जय।