ब्रह्मचारी सुनील भैया ने बताया कि 12 फरवरी शनिवार को पहले दिन सुबह 7 बजे से 8.18 बजे तक विधान होगा। 8.15 बजे से 9 बजे तक शांतिधारा होगी। इसी तरह 9.15 बजे आचार्यश्री की पूजा और 9.45 बजे प्रवचन होंगे। 9.45 बजे आचार्यश्री का आहारचर्या और दोपहर 12 बजे सामायिक होगा। दोपहर में एक से दो बजे के बीच में ससंघ के प्रवचन होंगे। हालांकि मुख्य महा महोत्सव 15 फरवरी से प्रारंभ होगा। जो 23 फरवरी तक चलेगा।
जिला मुख्यालय से 36 किमी दूर पटेरा के पास स्थित जैन सिद्ध क्षेत्र कुण्डलपुर में शनिवार से पंचकल्याणक महामहोत्सव प्रारंभ होने जा रहा है। इसके साक्षी बनने विश्वभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। हर राज्य से श्रद्धालु आ ही रहे हैं, साथ 20 से ज्यादा देशाें से विदेशी मेहमानों के आने की संभावना है। जबकि ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा सहित अन्य देशों से भी प्रतिमाएं पंचकल्याणक में शामिल होने के लिए पहुंच रहीं हैं। यहां पर उनकी प्राण प्रतिष्ठा होगी। उसके बाद वापस विदेशों में उन्हें स्थापित कराया जाएगा। शुक्रवार को वेदी स्थल का जायजा लेने मुनिश्री सुधासागर महाराज ससंघ पहुंचे। हालांकि मुख्य पंचकल्याणक 16 फरवरी से प्रारंभ होगा और 23 फरवरी तक चलेगा। महा महोत्सव में शामिल होने वाले अनुयायियों के लिए कोविड रिपोर्ट लाना अनिवार्य की गई है। आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी महेंद्र जैन सोमखेड़ा ने बताया कि महोत्सव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आवास, भोजन और परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
1024 प्रतिमाओं की होगी प्राण प्रतिष्ठा
बड़े बाबा मंदिर और मूर्ति व्यवस्था प्रभारी राजेश जैन ने बताया कि मुख्य मंदिर के सामने सहस्त्रकूट में 1008 मूर्तियां स्थापित होना हैं। यह 21 से 27 इंच की हैं। इसी तरह त्रिकाल चौबीसी, वर्तमान चौबीसी, पूर्व चौबीसी और भविष्य चौबीसी में मूर्ति स्थापित होना है। इसके अलावा पंच बालयति की पांच-पांच प्रतिमाएं स्थापित होगीं, जो 45 और 26 इंच की पद्मासन मुद्रा में होगी। 724 प्रतिमाएं पद्मासन की 15 इंच, 220 प्रतिमाएं खड़गासन में 25 इंच की, 12 प्रतिमाएं खड़गासन की 39 इंच की हैं। जानकारी के अनुसार सूरत की एक कंपनी के द्वारा इन प्रतिमाओं का निर्माण कराया गया है।
विदेश से भी प्रतिमाएं लेकर आएंगे भक्त
कुण्डलपुर महोत्सव में विदेश से भी प्रतिमाएं शामिल होने के लिए अा रहीं हैं। जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा देश के अनुयायी मूर्तियां लेकर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आ रही हैं। जो पंचकल्याणक में शामिल होने के बाद वापस जाएंगी। इसी तरह महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड से भी प्रतिमाएं पंचकल्याणक में शामिल होगीं। इसी तरह वस्त्र व्यवस्था प्रभारी सुरेंद्र जैन ने बताया कि महामहोत्सव में शामिल होने जा रहे 15 सौ पात्रों के लिए वेषभूषा की व्यवस्था की गई है। जिसमें इंद्र, इंद्राणी, कुबेर से लेकर सारे पात्र शामिल हैं। इन्हीं पात्रों को वस्त्र मुहैया कराए जा रहे हैं।
करीब 20 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना
आमतौर पर पंचकल्याणक पांच से छह दिन का होता है, लेकिन कुण्डलपुर में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के सानिध्य में देश के अंदर पहली बार 12 दिन का महामहोत्सव चलेगा। इसमें 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु शामिल होने की संभावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना को देखते हुए आयोजन समिति हर संभव स्तर पर तैयारियों में जुटी है। यहां पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को आवास, भोजन और परिवहन व्यवस्था सबसे अहम मानी जा रही है।
8 भोजन शाला में 40 हजार लोगों की व्यवस्था
भोजन व्यवस्था के लिए परिसर में 8 भोज शालाएं तैयार की गईं हैं। जिनमें कोटा, रतलाम, इंदौर, जबलपुर और सागर के कैटर्स शामिल हैं। भोजन व्यवस्था प्रभारी अभय जैन ने बताया कि हर दिन 40 हजार लोगों के लिए भोजन व्यवस्था की जाएगी।
15 हजार कॉटेज और 300 बसें उपलब्ध रहेंगी
आवास व्यवस्था प्रभारी संदीप मोदी ने बताया कि 15 हजार कॉटेज बनाए गए हैं। दमोह ग्रामीण, शहरी, कटनी, जबलपुर, दमोह रेलवे स्टेशन और उसके आसपास करीब 10 हजार लोगों को ठहरने की व्यवस्था की गई है। जबकि 300 से ज्यादा बसें लगाईं गईं हैं।
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भास्कर से साभार