18 मार्च/फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
आचार्य देव श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज का वरदानी आशीष लिए उग्र-तपधारी आचार्य कुलरत्नभूषण जी महाराज प्रातः शिखर जी मे प्रवेश हुआ ।
आपने कुंडलपुर महोत्सव की फेरी सम्पन्न होने के बाद 23 फरवरी को विहार किया था) 45-50 किलोमीटर का प्रतिदिन उग्र पद विहार कर आपका सिद्धो की भूमि शाश्वत पावन तीर्थ श्री सम्मेदशिखर जी में प्रवेश हुआ