अतिप्राचीन खंदारगिरी पर स्थित 46 फिट ऊॅंची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा जिसके वर्तमान में केवल कुछ संकेत ही मात्र बचे हैं, का होगा जीर्णोद्धार!

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4 मार्च 2021, गुरुवार राष्ट्र संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिमहाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री अभय सागर, मुनि श्री प्रभात सागर एवं मुनि श्री निरीह सागर जी महाराज की आज भव्य आगवानी चन्देरी सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा की गई। प्रातःकाल से ही बडी संख्या में जैन धर्मावलम्बी नगर की सीमा पर खंदार सेवादल के दिव्यधोष के साथ महिला मण्डल अपनी पारंपरिक वेश-भूषा में साथ ही पचरंगा ध्वज लेकर बड़ी संख्या में स्वेत वस्त्रों में पुरूष वर्ग पहुंचा था। नगर की सीमा में प्रवेश करते ही जगह जगह मुनिश्री की आरती कर पादप्रच्छालन किये गये। मुनिश्री के प्रवेश का चल समारोह मेद्यासन मंदिर होते हुये, हनुमान चौराहा, सदरबाजार से बजरिया मोहल्ला होते हुये श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मंदिर से चौबीसी दिगम्बर जैन धर्मशाला में सम्पन्न हुआ।

जहां पर सर्व प्रथम मंगलाचरण जैन पाठशालाओं की बालिकाओं ने किया उसके उपरांत दीप प्रज्वलन राजीव जैन सिंघाडा वालों ने किया एवं मुनिसंघ को शास्त्र भेंट महिला मण्डल, गौशाला मंडल एवं पत्रकार नीरज जैन बर्धमान, अतुल जैन, सौरभ जैन भयंकर, सहित रीतेश जैन कपस्या ने संयुक्त रूप  से किया। चन्देरी जैन समाज को काफी समय से मुनिश्री के सानिध्य के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे थे पूर्व में मुनिसंघ के सानिध्य में चन्देरी जैन समाज को एकत्र करने के लिये काफी कार्य किये गये एवं चन्देरी जैन समाज को 2013 से मुनिश्री का प्रथम चार्तुमास प्राप्त हुआ और भव्य अर्हंतचक्र कल्पद्रुम विधान का आयोजन हुआ तभी से जैन समाज में तीव्र धर्मप्रभावना के कार्य निरंतर होते रहे हैं।

वर्ष 2015 में जिन बिम्ब प्रतिष्ठा एवं पंचकल्याणक महोत्सव का अभूतपूर्व आयोजन और आज फिर जब मुनिश्री अभय सागर जी महारज का मुनिसंद्य के साथ नगर प्रवेश हुआ तो सकल जैन समाज की निगाहें मुनिश्री की ओर लग गईं। जिसके संकेत मुनिश्री ने अपनी दिव्य देशना में भी दिये कि अतिशयक्षेत्र खंदारगिरी का नाम लेकर जैन समाज की धडकने बड़ा दीं क्योंकि अतिप्राचीन खंदारगिरी पर स्थित 46फिट ऊॅंची भगवान आदिनाथ की प्रतिमा जिसके वर्तमान में केवल कुछ संकेत ही मात्र बचे हैं मुनिश्री के नगर प्रवेश से जैन समाज की उम्मींदे फिर जाग्रत हुई हैं कि अब जैन समाज को फिर से बड़े बाबा की प्रतिमा का जीर्णोद्धार जल्द से जल्द संभव होगा साथ ही विकास कार्यों को गति प्राप्त होगी।

कवि सौरभ जैन चंदेरी