ऐसा विस्मयकारी , दुनिया का एकमात्र मंदिर , जहां एक साथ जलती है 28 अखंड ज्योत, जो कालिख नहीं, सफेद चंदन बरसाती है और अनेक चमत्कार दिखते हैं

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3 मार्च 2023/ फाल्गुन शुक्ल दवादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन
हां, यह 50वा वर्ष है, दुनिया के सबसे अनोखे मंदिर का । जी हां , जैन मंदिर, पर वह भी दुनिया का सबसे अनोखा, जो किसी साधु के आशीर्वाद से नहीं बना, किसी साधु के सानिध्य से नहीं बना, किसी साधु की प्रेरणा से नहीं बना। पर आज उसकी अदृश्य शक्तियां, यह स्पष्ट करती हैं कि रक्षक देवी देवता, इस पंचम काल के 2549वे वर्ष में भी विद्यमान है ।

एक से एक चमत्कार यहां मंदिर में देखे जाते हैं । यह मंदिर है पश्चिमी भारत के राजस्थान के जोधपुर में और नाम है श्री केसरिया कुंथूनाथ 28 अखंड ज्योति दीपक मंदिर तीर्थ। अजीत कॉलोनी , जोधपुर का यह मंदिर रेलवे स्टेशन के पीछे के गेट से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर है। चैनल महालक्ष्मी से इस अनोखे मंदिर के बारे में बताते हुए यहां के अध्यक्ष राज रूपचंद मेहता जी ने कई ऐसी जानकारियां दी, जो सचमुच हर को हैरत में डाल देंगी। बहुत है हैरत वाली हर जानकारी, जिसका पूरा विवरण चैनल महालक्ष्मी के रविवार, 5 मार्च के प्रातः 8:00 बजे के विशेष एपिसोड में भी दिया जाएगा।

ऐसे अनेक मंदिर देखे होंगे आपने, जहां पर अखंड ज्योति जलती है। तो इसमें क्या नया अजूबा है? पर यहां एक अखंड ज्योति नहीं, 28 अखंड ज्योति लगातार जलती है, एक साथ, दिन रात । यह ऐसा मंदिर है, जो कभी बंद नहीं होता, 24 घंटे दर्शन के लिए खुला रहता है।

अखंड ज्योति से काजल निकलता तो आपने हर जगह देखा होगा। यहां भी शुरुआत ऐसी ही हुई, जब 1984 में पहली अखंड ज्योति जलाई गई। तब यह भविष्यवाणी भी हुई कि 12 साल बाद यहां पर ऐसे चमत्कार होने शुरू होंगे कि लोग दांतो तले उंगली दबाना शुरू कर देंगे और 20 साल बाद तो यह एक बहुत बड़े तीर्थ के रूप में लोगों को आकर्षित करने लगेगा।
उस ज्योत को शुरू हुए 20 दिन हुए, वह काजल बंद हो गया और उसकी जगह केसरिया रंग का केसर चंदन एकत्रित होना शुरू हो गया। यह कौन सा चमत्कार था? हर कोई हैरान था।

फिर दूसरी घी की अखंड ज्योत 9 जनवरी 1991 को एक शोध के रूप में शुरू की । क्या इसमें भी काजल निकलेगा या फिर केसर चंदन एकत्रित होगा? करीब 20 दिन में उससे भी केसर चंदन मिलना शुरू हो गया। हैरान हो गया हर कोई। ऐसा स्पष्ट हुआ कि इस दीपक की ज्योति स्वर्ग लोक तक है और स्वर्ग लोक में भी इस मंदिर की भारी महिमा है।

अब चमत्कार सोच कर कभी नमस्कार मत करिए, क्योंकि जैन सिद्धांत नमस्कार पर चमत्कार होते हुए देखता है। इसलिए जब आप यहां दर्शन करेंगे तो, 16 फरवरी 1992 को जली तीसरी जोत ने तो और चमत्कार कर दिया। यहां पर सफेद चंदन निकलता है , ऐसा सफेद चंदन जो पूरी धरा पर नहीं मिलता, तो यहां पर कैसे आता है। हर कोई सोच कर हैरान है तीसरी जोत से तो तीन-चार दिन तक सहस्त्र फन पारस प्रभु की मूर्ति फनो के साथ जैसे अंकित हो गई थी ।

बहुत गजब के चमत्कार है, जिनको देखकर हर कोई यहां पर हैरान हो जाता है । पूरी जानकारी रविवार, प्रातः 8:00 बजे के चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड में देखना ना भूलें। जहां चमत्कारों को नमस्कार नहीं, अपने नमस्कार से चमत्कार होता देखिए।