अतिशय क्षेत्र #केसरियाजी पर लिखें आयुक्त और कलेक्टर को पत्र, जवाब मिला कि अब तक किसी ने कोई पत्र या शिकायत नहीं दी

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25 अप्रैल 2022/ बैसाख कृष्णा दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/

पिछले 25 दिनों से भी ज्यादा समय से हमारे अतिशय तीर्थ केसरियाजी पर एक कथित आदिवासी बाबा रोजाना प्रातः काल में हवन कर रहा है जो यहां की परंपरा के बिल्कुल विपरीत है, इस बारे में आज दोपहर श्री ऋषभदेव दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र रक्षा कमेटी के महामंत्री प्रदीप जैन ने वही मंदिर पर एसडीएम के लिए पत्र लिखा जिसमें बताया कि मंदिर की परंपराओं को तोड़ते हुए एक कतिपय बाबा हवन कर रहा है और हवन कुंड में 5 फीट लंबा चिमटा सीमेंट से स्थापित कर दिया है

इस बारे में जैन धर्म संरक्षण महासंघ की ओर से हमारे द्वारा भी राजस्थान आयुक्त तथा उदयपुर के कलेक्टर ताराचंद मीना जी को भी पत्र लिखे गए हैं और त्वरित कार्यवाही की अपील की है

जैसी जानकारी मिली दोनों कार्यालय से तो उनका यही कहना था कि अब तक हमें जैन समाज की किसी भी संस्थान से कोई भी पत्र ईमेल कुछ भी नहीं मिला है अब आपने पत्र दिया है, तो इस पर हम उचित कार्यवाही करेंगे हैरानी होती है कि हमारी संस्थाएं 20 25 दिन बाद भी इस गलत कार्य हमारे क्षेत्र में हमारे तीर्थ पर होता जा रहा है और उस पर चुप बैठे हैं

इस बारे में कलेक्टर से बात भी हुई उन्होंने आश्वासन भी दिया कि अभी कार्यक्रम में हूं विस्तार से चर्चा करूंगा
इन पत्रों में हमने लिखा है यह सर्वविदित है कि केसरियाजी जैन तीर्थ है और बहुत प्राचीन है जिसको सभी लोग उसी जैन तीर्थ के रूप में आदर सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। यहां पर यह भी सभी जानते हैं कि सर्वोच्च अदालत ने 2010 में निर्णय देकर स्पष्ट कर दिया था कि है यह जैनों का ही तीर्थ है । पिछले कुछ वर्षों से आश्विन माह के नवरात्रि में एक आदिवासी बाबा यहां गेट पर बने एक हवन कुंड में 8-9 दिन रोजाना चंद घंटे प्रातः काल में हवन करते हैं , जिस पर आपसी सौहार्द भाईचारा को देखते हुए जैन समाज द्वारा कभी विरोध नहीं किया गया ।

उन् 9 दिनों के बाद, उस हवन कुंड को ढक्कन से बंद कर दिया जाता है, एक साल के लिए । यह कुछ वर्षों से लगातार चल रहा है , परंतु इस वर्ष चैत्र शुक्ल के नवरात्र से हवन कुंड फिर शुरू कर दिया , जो अभी तक चल रही एक प्रेम सौहार्द की परंपरा थी , उस को तोड़ते हुए और वह अभी भी जारी है,

यहां ध्यान देने योग्य बात है कि मंदिर जी के दैनिक कार्यक्रम का चार्ट संवत 1934 से जो जारी है , यह उसके विपरीत कार्य किया जा रहा है । उस कथित आदिवासी बाबा ने बिना अनुमति के, जो हवन कुंड खोल कर पूजा शुरू की , उसमें लगभग 5 फीट का चिमटा उसमें सीमेंट से स्थाई रूप से लगा दिया है। यह जैन यात्रियों से पैसे भी लेने लगे हैं। मंदिर में चल रही परंपराओं के विपरीत इस पर तत्काल कार्यवाही होनी चाहिए, जिससे परंपराओं में परिवर्तन नहीं हो। यहां पर आते जैन तीर्थ यात्रियों में व देशभर के जैन समाज में रोष व्याप्त है।

वर्तमान के माहौल को देखते हुए, आपसी सौहार्द ना बिगड़ जाए, इसलिए इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। । यहां पर एसडीएम की देखरेख में चल रहे , इस तीर्थ पर कड़ी निगरानी की व्यवस्था की जरूरत है जिस पर यथाशीघ्र सुचारू कार्यवाही करनी चाहिए। जैन समाज आपसे अपेक्षा रखता है कि इस पर अविलंब उचित कार्यवाही करते हुए, जैन धार्मिक भावनाओं का आदर रखते हुए, आप इस तीर्थ पर किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक लगाएंगे, जिससे अल्पसंख्यक जैन धर्म के इस तीर्थ दिल पर और कोई अन्य धर्म की क्रिया नहीं हो ।

दोपहर बाद चैनल महालक्ष्मी की एसडीएम गोविंद सिंह जी से भी बात हुई तो उन्होंने बताया कि अभी तीर्थ रक्षा कमेटी का पत्र मिला है, इस बारे में मैं बाबा व उनके लोगों से कल सुबह बात करके जानकारी दूंगा।

photo: आज सुबह भी किया जा रहा था हवन