इस प्रसिद्द जैन तीर्थ पर 1500 साल से चली आ रही अद्भुत खास जल घडी से आज भी जारी है पूजा की परंपरा

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11 सितम्बर 2022/ अश्विन कृष्ण एकम /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

राजस्थान में उदयपुर जिले में ऋषभदेव में स्थित केसरिया जी मंदिर लगभग डेढ़ हजार साल पुराना है। केसरियाजी में पूजा आज भी एक खास घड़ी के अनुसार होती है।

झीलों की नगरी उदयपुर में कई धार्मिक और पर्यटक स्थल हैं। इनमें ऋषभदेव में स्थित केसरिया जी Kesaria Ji मंदिर प्रमुख है। ऋषभदेव में स्थित केसरिया जी मंदिर का मंदिर उदयपुर r से करीब 65 किमी दूर है।

समय देखने के लिए आज कई तरह की घड़ियां है। जिनमें सटीक समय पता लगाया जा सकता है, लेकिन यहां आज भी जल घड़ी Jal Gadhi (water watch) से ही समय का अनुमान लगाया जाता है। इस जल घड़ी Jal Ghadi के अनुसार ही पूजा-अर्चना होती है। यह जल घड़ी केसरियाजी के मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थापित है।

यह अनोखी घड़ी लकड़ी के बक्से में ताम्बे के बड़े भगोने में पानी भरकर रखा जाता है। इस भगोने में एक कटोरा होता है। कटोरे में एक छेद होता है। यह कटोरा तैरता रहता है। इस छेद के कारण कटोरा 24 मिनट में पानी से भर जाता है। जैसे ही यह कटोरा भरता है गार्ड घंटी बजाता है और समय की सूचना देता है।

भारतीय समय IST Time से मंदिर के कार्यों के समय में 45 मिनट का अंतर होता है। एक घड़ी 24 मिनट की मानी जाती है। आठ घड़ी का एक प्रहर होता है और चार प्रहर का एक दिन माना जाता है। यह प्राचीन काल में प्राप्त थी मान्यता