वागड का तीर्थ शिरोमणि अतिशय क्षेत्र श्री अंदेश्वर पार्श्वनाथ जी मे हम सब लोग आचार्य श्री के साथ स्वाध्याय कक्ष की ओर जा रहे थे तभी वहां श्री सर्वार्थ सागर जी गुरुदेव ने बेहोश सी पड़ी हुई चिड़िया हाथ में लाते हुए कहा कि यहाँ कार्य कर रहे श्रमिक कह रहे है कि उड़ते उड़ते गिर कर कब से पड़ी है,हम प्रयास कर रहे है पर वो उड़ नही पा रही,
तभी करुणा के कोष चतुर्थ पट्टाचार्य श्री सुनीलसागर जी गुरूराज ने उस चिड़िया को अपने हाथों में लिया,कमंडल का जल पिलाने के प्रयास किया,णमोकार महामंत्र की हिलींग देते हुए हाथों से ही दुलारा और लगभग दो मिनिट के भीतर ही वह चिरैया जो कब से बेसुध पड़ी थी वो स्वस्थ होकर तत्काल उड़ चली
ऐसे परम तपस्वी दयानिधि आचार्य श्री सुनीलसागर जी गुरूराज को कोटिशः नमन
-शाह मधोक जैन चितरी