कर्नाटक ने रचा इतिहास ॰ जैन आयोग पर शीघ्र घोषणा ॰ जैनों के लिये 200 करोड़ का फंड, विस में चर्चा

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॰ अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष जैन बने, विस में चर्चा
॰ अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों को बड़ी छूट
॰ कर्नाटक में बनेंगे अलग शाकाहारी हॉस्टल
॰ पूरे राज्य के स्कूल-कालेजों में जैन संतों के लिये विश्राम व्यवस्था
॰ जैन संस्थाओं के मिड-डे मील में अब अण्डा नहीं, अन्यों को भी – मांग पर
॰ पहली बार जैन मंच पर 5 मंत्री, 18 विधायक, दोनों पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष
12 दिसंबर 2024/ मंगसिर शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /

एक नया इतिहास बना बेलगांव के बस्तवाड़ गांव में जब किसी जैन आंदोलन सभा में मात्र 72 घंटे के सोशल मीडिया जानकारी से, 40 हजार लोग इकट्ठे हुये, पर यह बड़ी बात नहीं थी, इस जैन मंच पर राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के साथ बाल कल्याण मंत्री, पीडब्ल्यूडी मंत्री, जिला मंत्री आदि 4 मंत्रीगण और आंदोलन में पक्ष-विपक्ष के 18 विधायक, दोनों पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व 300 ग्राम पंचायत सदस्य मौजूद रहे। आज तक किसी जैन आंदोलन मंच पर ऐसा नहीं हुआ। यह कार्यक्रम सात भट्टारकों की उपस्थिति व आचार्य श्री गुणधरनंदी जी महाराज के नेतृत्व में 09 दिसंबर 2024 को सम्पन्न हुआ। इस बारे में चर्चा करते हुए आचार्य श्री ने चैनल महालक्ष्मी को निम्न जानकारी दी –

1. जैन आयोग की शीघ्र घोषणा : कर्नाटक सरकार द्वारा वादा करने के बाद भी जैन आयोग की फाइल ठण्डे बस्ते में पड़ गई थी, इस आंदोलन के बाद यथाशीघ्र गठन करने की बात उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार द्वारा मंच से की गई।

2. जैन बच्चों को छात्रवृत्ति योजना वापस नहीं होगी : सरकार द्वारा जैन छात्रों को छात्रवृत्ति देने की योजना वापस लेने की जो कोशिशें हो रही थीं, इस आंदोलन के बाद उस पर सरकार ने विराम लगाने की घोषणा की।

3. विधानसभा में चर्चा : आयोग का जैन अध्यक्ष और 200 करोड़ का फण्ड : इस आंदोलन में आचार्य श्री गुणधरनंदी जी ने जैनों के तीर्थों के जीर्णोद्धार, जैन बच्चों को शिक्षा, कल्याण योजना, खेती सहयोग आदि के लिए 200 करोड़ के फण्ड की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि अब तक केवल मुस्लिम व्यक्ति को ही अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया जाता रहा है, अब एक जैन भी अध्यक्ष बनना चाहिये। इन दोनों मांगों पर विधानसभा में इसी सत्र में चर्चा होगी।

4. अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थाओं को छूट : अभी अल्पसंख्यक स्कूल-कॉलेजों में 50 फीसदी सीट अल्पसंख्यक समाज के ही भरने का नियम था, वे पूरी न भरी जाने पर सीटें खाली रहती थीं। अब उन खाली सीटों पर सामान्य छात्रों की भरती हो सकेगी, इससे बहुत बड़ी राहत मिलेगी। आर्थिक मजबूत मिल सकेगी।

5. अलग शाकाहारी हॉस्टल : अल्पसंख्यक के शेष सभी समाज मांसाहार भोजन लेते हैं, वहीं जैन शाकाहारी होते हैं। इस बात पर सरकार ने शाकाहारी हास्टल प्रदेश में अलग से बनाने की मांग मंजूर कर ली।

6. जैन संस्थानों तथा अन्य की मांग पर भी अण्डा बंद : अब जैन संस्थानों में अण्डे को नहीं दिया जाएगा तथा जो अन्य संस्थान भी चाहेंगे, उनको भी उसके स्थान पर केले, मूंगफली आदि का वितरण किया जाएगा।

7. स्कूल-कॉलेजों में रूक सकेंगे जैन संत : हमारे मंदिरों, स्थानकों, देवासरों में साधुओं के रुकने पर कई किंतु-परंतु लग जाते हैं, अब वहीं सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में सभी जैन साधुओं के ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।

इस आंदोलन में 1500 गाड़ियों की लोगों ने स्वयं नि:शुल्क व्यवस्था की, वहीं बेलगांव के जैन युवक मण्डल के साथ विभिन्न संगठनों-संस्थाओं का पूरा सहयोग मिला। इसमें दोनों पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष, 5 मंत्री व दोनों ही पार्टी के 18 विधायकों के साथ 300 ग्राम पंचायत सदस्यों का होना कर्नाटक का ही नहीं, भारत के किसी जैन आंदोलन में एक नया इतिहास बना दिया।

इसकी पूरी जानकारी चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड नं. 3030 में देख सकते हैं।