12 फरवरी से शुरू हो रहा है, 24 पखवाड़ों में से सबसे ज्यादा तीर्थंकरों के जन्म-तप कल्याणकों वाला पखवाड़ा। इस पखवाड़े में दो तीर्थंकरों का ज्ञान कल्याणक और चार तीर्थंकरों का जन्म-तप कल्याणक है,
चतुर्थी (15 फरवरी) को तीर्थंकर विमलनाथ जी का जन्म, तप व षष्ठी को उनका ज्ञान कल्याणक, फिर दशमी (22 फरवरी) को तीर्थंकर अजितनाथजी, द्वादशी (24 फरवरी) को तीर्थंकर श्री अभिनंदननाथ जी तथा त्रयोदशी (25 फरवरी) को 15वें तीर्थंकर श्री धर्मनाथ जी का जन्म – तप कल्याणक। अन्य किसी पखवाड़े में चार तीर्थंकरों के जन्म-तप कल्याणक नहीं आते और इस पखवाड़े की शुरूआत 13 फरवरी को 12वें तीर्थंकर वासुपूज्य भगवान के ज्ञान कल्याणक से होगी। माघ शुक्ल द्वितीया को, एक वर्ष तप के बाद, आपको चम्पापुर के मनोहर वन में, पाटल वृक्ष के नीचे अपराह्न काल में केवलज्ञान की प्राप्ति हुई। आपका केवलीकाल 53,99,999 वर्ष था और आपके 66 गणधर थे।