पहले गुरु का आशीर्वाद , फिर अंतिम समय तक लेखन जारी और फिर परम पूज्य आचार्य १०८ श्री कल्पवृक्षानंदजी महाराज की देवलोक गमन

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जलगांव – श्री कल्पवृक्ष कलशकर तीर्थक्षेत्र (फरदापुर टांडा, ताल सोयगांव) के संस्थापक परम पूज्य आचार्य श्री १०८ कल्पवृक्षानंदजी महाराज का आज २५ सितंबर, २०२१ को सायं ७.३० बजे देवलोक गमन हो गया। महाराजश्री ने आज सुबह अपने पहले गुरु आचार्य 108 श्री दर्शनसागरजी महाराज (सुसनेर, एमपी) का आशीर्वाद लिया था। साथ ही आचार्य और मुनिश्री की सभी शिक्षाओं को भी ग्रहण किया। शाम 7.30 बजे उनका देवलोक गमन हो गया, जब उनका लेखन जारी था।

स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्होंने आहार से परहेज किया था। पूर्वाश्रम, ताल के पिंपलगांव हरेश्वर। जलगांव जिले के पचोरा की रहने वाले महाराजश्री इस दुनिया को छोड़कर परलोक की राह पर चल पड़े । महाराजश्री ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, बिहार और अन्य राज्यों में समाज को प्रबुद्ध किया था। महाराजश्री के पार्थिव शरीर को दोपहर 1 बजे तक कल्पवृक्ष क्षेत्र में रखा जाएगा ताकि समुदाय के सदस्य और उनके अनुयायी अंतिम दर्शन कर सकें। उनका अंतिम संस्कार 26 सितंबर को दोपहर 1 बजे कल्पवृक्ष कलाशकर क्षेत्र में किया जाएगा।

चैनल महालक्षी और सांध्य महालक्ष्मी परिवार हार्दिक विनयांजलि अर्पित करता है
तीर्थाटन निदेशक सपनदीदी एवं दिगंबर जैन तरुण बहुउद्देशीय बोर्ड जलगांव के पदाधिकारियों ने समुदाय से अंत्यदर्शन का लाभ उठाने की अपील की है.