पूज्य गच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म. सा. के शिष्य जीवदयाप्रेमी पूज्य मुनिराज श्री मैत्रीप्रभसागरजी महाराज का आज दिनांक 29 जून 2021 को जिनहरि विहार पालीताना में चतुर्विध श्री संघ की उपस्थिति में समाधिपूर्वक कालधर्म हुआ।*
आपने जीवदया के लिए अपने सम्पूर्ण जीवन को समर्पित किया। इसके लिए आप सदा याद किये जायेंगे।
अल्पायु में कालधर्म संघ के लिए अपूरणीय क्षति है।
जीवदयाप्रेमी मुनिराज श्री के चरणों में भावभरी वंदना
तीर्थधिराज शत्रुंजय पर कालधर्म होना ही उच्चगति की प्राप्ति का संकेत है।
आपकी आत्मा सिद्धगति के शिखर की ओर निरंतर प्रगति करे ऐसी अरिहंत प्रभु के चरणो में प्रार्थना।
हार्दिक वंदना-श्रद्धान्जलि