जूदेव किले में प्राचीन जैन मानस्तम्भ स्तिथ होना – प्राचीन समय में जैन मंदिर भी अवश्य होगा

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1990

घुवारा (जिला छतरपुर, म. प्र.) की पहाड़ी पर स्थित कुँवर कीरत सिंह जूदेव किले में प्राचीन जैन मानस्तम्भ स्तिथ होना इस बात का संकेत है कि किले में प्राचीन समय में जैन मंदिर भी अवश्य होगा क्योकिं मानस्तंभ मंदिर के साथ ही निर्मित किया जाता है! किले में या आसपास जिन प्रतिमा और मंदिर के अवशेष भी अवश्य होने चाहिए लेकिन पुरातत्व विभाग की अनदेखी के कारण उपेक्षित नजर आ रहा है
प्राप्त जानकारी के अनुसार घुवारा का यह किला लगभग 600 वर्ष प्राचीन है
हो सकता है यह किला और प्राचीन हो! राजस्थान के धसाड रियासत के राजा उदैत सिंह जूदेव यहां शिकार खेलने आए और उन्हें यहां का पर्यावरण अच्छा लगा तो उन्होंने यहां रहने का फैसला किया और बीच पहाड़ी पर किला बनवाया और सपरिवार रहने लगे! 11 दिसंबर 1683 को किले में उनके पुत्र कीरत सिंह जूदेव का जन्म हुआ जो 45 वर्ष की आयु में 19 अप्रैल 1728 को युद्ध करते हुए शहीद हो गए और किले का नाम उनके नाम पर हो गया!