शिखरजी की सुगबुगाहट पर छोटी सी चिंगारी ही आगे बारूद का काम करती है और वही आज जंतर-मंतर में देखने को मिला #save_shikherji

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26 मार्च 2022//चैत्र कृष्णा नवमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
शिखरजी की सुगबुगाहट में आज शनिवार 26 मार्च को जंतर मंतर पर उसके प्रति समर्पण के कुछ दीपक जरूर जले और यह एक शुरुआत रही शिखर जी को अपना बनाए रखने के लिए एक आंदोलन की। कई समस्याओं में घिरा हुआ है शिखरजी और रोज एक नई तकलीफ सामने उभर कर आ जाती है ।

कारण, इस तीर्थ के प्रति हम पिछले कुछ वर्षों में शायद इतने गंभीर नहीं रहे , जितना होना चाहिए था। तपती दोपहर और बिना किसी बड़ी कमेटी के बैनर के तले, आज वह शुरुआत हुई, जिसे कभी बहुत पहले राष्ट्रीय स्तर की कमेटियों के द्वारा किया जाना चाहिए था । पर थोड़ी देर से सही, एक शुरुआत तो हुई ,आज जंतर-मंतर से। जैसे कभी हमारे मुनिराज पर गिरनार में चाकू से हमला किया गया था या फिर संथारा के लिए जैन समाज एक हुआ था। आज इतनी बड़ी संख्या तो नहीं थी, पर छोटी सी चिंगारी ही आगे बारूद का काम करती है और वही आज जंतर-मंतर में देखने को मिला।

जंतर–मंतर, दिल्ली पर आयोजित विशाल विरोध सभा में संगठन के अध्यक्ष श्री संजय जैन ने बताया कि संगठन द्वारा भारत सरकार और केंद्रीय वन मंत्रालय को जैनों के सर्वोच्च तीर्थ पारसनाथ पर्वत को वन्य जीव अभ्यारण का भाग घोषित करने वाले नोटिफिकेशन को रद्द कर सम्पूर्ण पर्वत और मधुबन क्षेत्र को मांस-मदिरा मुक्त पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित करने और पर्वत पर स्थायी CRPF के साथ स्कैनर व बैरियर सहित सुरक्षा जांच चेक पोस्ट लगाने और पर्वतराज की पवित्रता व संरक्षण के लिए पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित करने और बिना किसी सरकारी अनुदान लिए आवश्यक मूलभूत सुविधाओं हेतु उपकरण व सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराने हेतु 27 जनवरी 2022 और 17 मार्च 2022 को याचिका के साथ नोटिस भेजा गया था, जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नही की गयी, जिसके विरोध में आज विरोध सभा का आयोजन किया गया, जिसमे हजारो की संख्या में जैन समाज के लोगो ने भाग लिया और अपना विरोध प्रकट किया!

जैन संत पूज्य क्षुल्लक श्री योग भूषण जी महाराज ने सर्वोच्च जैन तीर्थ के वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर वन मंत्रालय द्वारा जैन तीर्थ को वन्य जीव अभ्यारण के अंतर्गत घोषित किये जाने की सूचना को रद्द करने की मांग की!

इलाहबाद (उ. प्र.) से राज्य सभा सांसद श्री रेवती रमन सिंह जी और कोकराझार (आसाम) लोक सभा सांसद श्री नाबा कुमार सारनिया जी ने सर्वोच्च जैन तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को वन्य जीव अभ्यारण के अंतर्गत घोषित किये जाने पर जैन समाज की आपति को उचित ठहराते हुए संसद में इस विषय को उठाने हेतु लिखित में आश्वासन दिया!

संगठन के उपाध्यक्ष व सभा संयोजक श्री यश जैन, राजेश जैन (पुष्पांजलि एन्क्लेव), विकास जैन (योजना विहार), विवेक जैन, नीरज जैन, मनीष जैन व दीपक जैन (विश्वास नगर), सुदीप जैन (मेरठ) ने पारसनाथ पर्वतराज व तलहटी क्षेत्र को मांस-मदिरा बिक्री से मुक्त कर पवित्र जैन तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की!
महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका रूचि जैन, नीरू जैन और यमुनापार जैन समाज के अध्यक्ष श्री मदन लाल जैन, अचल जैन, राजीव जैन (बलबीर नगर), डॉ इंदु जैन (छतरपुर), मयंक जैन (बिहारी कॉलोनी), प्रदीप जैन (राम नगर), वरुण जैन (ज्ञान जाग्रति मंच) और देश भर से आये विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने केंद्र व राज्य सरकार से पर्वतराज के वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कर बैरियर व स्कैनर सहित सुरक्षा जांच तुरन्त आरम्भ करने की मांग की!
आकाश जैन,