20 जून 2022/ आषाढ़ कृष्ण सप्तमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
जहाँगीर पटेल कहते हैं, ‘‘सारी दुनिया में यही देखा गया है कि जैसे-जैसे औरतों का सशक्तिकरण होता है, साक्षरता और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और जन्मदर घटती है और भारत में भी ये होगा.
जनगणना आयोग के मुताबिक इन समुदाय को जल्द ही कदम उठाने होंगे.
वे कहती हैं, “जब तक हर पारसी, जैन, ब्राम्हण शादी नहीं करेगा, तीन बच्चे पैदा नहीं करेगा, ये आंकड़े बदलने वाले नहीं. ये तो व्यक्तिगत अभिरुचि की बात है और इसमें बदलाव लाना आसान नहीं है.’’
इसीलिए लगातार जनसंख्या घटने की वजह मानी जाती है महिलाओं का शिक्षित होना, देर से शादी का चलन और केवल एक बच्चा पैदा करने की प्रवृत्ति.
बताते हैं कि ज़्यादातर पारसी, जैन ब्रम्हाण औरतें तीस साल की उम्र में शादी करती हैं और कई तो शादी करती ही नहीं.
लड़कियाँ काफी पढ़ लिख लेती हैं और चाहती हैं कि लड़का उनसे भी ज़्यादा पढ़ा लिखा हो जो और मुश्किल हो जाता है
इस उम्र में महिलाओं के गर्भ धारण करने की क्षमता में भी कमी आ जाती है.
जनसंख्या कम होने के मुख्य कारण
१.परिवार नियोजन के प्रति अत्यधिक सजगता |
२.शिक्षा का विकास ,९४%साक्षरता की दर |
३.ब्रह्मचर्य व्रत के प्रति गलत धारणा |
४.प्रेम विवाह के कारण कन्याओं का अन्य धर्म परिवारों में विवाह |
५.विवाह में विलम्ब |
६.सधर्मी भाइयों के प्रति तिरस्कार की बढती प्रवृत्ति |
७.पंथवाद और जातिवाद की कट्टरता |
८.विभिन्न रोगों के कारण बढती मृत्यु दर |
९.दूसरों को बनानें की प्रवृत्ति या घर वापसी जैसे आंदोलनों का अभाव, आदि आदि
१०. पड़े लिखें लोगों का विदेश मे सेटल होना.
– डॉक्टर अरविंद प्रेमचंद जैन भोपाल 9425006753