अति प्राचीन जैन मंदिर का करो सर्वे और वहां देखेंगे #शिवलिंग और नंदी, क्या है हकीकत #reclaim_temples

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1 जून 2022/ जयेष्ठ शुक्ल दोज़ /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
बेलगांव -रायचूर राजकीय हाईवे पर अगर नेसरगी से बड़े, तो 3 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है मुर्कीभावी गांव, जहां पर एक बहुत ही प्राचीन तीर्थंकर श्री शांतिनाथ जी का मंदिर है।

इसी मंदिर में श्री आदिनाथ जी भगवान की भी प्रतिमा स्थापित है। मंदिर काफी जीर्ण हो गया था , इस कारण इसके जीर्णद्धार की अति आवश्यकता थी और इस बारे में भारतवर्षीय दिगंबर जैन क्षेत्र कमेटी ने भी एक जानकारी निकाली थी।

सूत्र बताते हैं इसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया और कुछ समय पहले एक संत के सानिध्य में पुनर्निर्माण के बाद, पंचकल्याणक भी हुआ। पर हैरानगी तब होती है, जब उसका रूप बदल दिया जाता है। बेंगलुरु से स्फूर्ति जैन ने चैनल महालक्ष्मी को बताया कि आठ दिन पहले उनके एक मित्र ने इस मंदिर में दर्शन किए, तो वह देखकर ही चौक गए।

बसदि यानी मंदिर में, बाहरी कक्ष में ही ग्रिल लगाकर शिवलिंग और नंदी जी को विराजमान कर दिया गया है और एक व्यक्ति यहां पर अब बाकायदा अपने कपड़े लत्ते के साथ रहना भी शुरू कर चुका है । आसपास दूर-दूर तक कोई जैन समाज नहीं है और यह सिलसिला अब इस को बदलने का बदस्तूर जारी हो गया है ।

क्या इसी तरीके से बहुसंख्यक समाज अल्पसंख्यक समाज के ऊपर अपना गलत वर्चस्व दिखाता रहेगा या फिर जैन समाज जहां अपनी उपस्थिति नहीं होती है, वहां की विरासतों को संरक्षित करने में नाकाबिल रहेगा।

हमारी संस्थाओं को इस बारे में जरूर विचार और मंथन करना चाहिए।