अभी जो कोरोना-2 की लहर चली है, वह तो और भी बड़ी ही घातक सिद्ध हुई है।
पिछले 50 दिनों में लगभग 50 साधु-भगवंत तो स्थानक- श्वेतांबर समाज के ही काल कवलित हो गये हैं। दिगंबर समाज को भी मुनि श्री निकलंकसागर जी, आचार्य अनुभवनंदी, गणिनी आर्यिका विद्याश्री, क्षुल्लक संभव सागर ब्र.राजेश भैयाजी, ब्र. त्रिलोक भैया जी, ब्र. अतुल, पं. अजित शास्त्री , पं. रिषभ, . पं.जयकुमार, पं. प्रवीण इत्यादि विभूतियों का वियोग सहना करना पड़ा है।
जो अपूर्णीय क्षति जिनशासन की हुई है, उसको शब्दों में व्यक्त कर पाना संभव नहीं है। दोषी कौन इस अपूर्णीय क्षति का ? देखना न भूले आज 13 मई, रात 8 बजे, चैनल महालक्ष्मी पर-