फिर जैन दिगंबर संतों के विहार में होने लगा उपसर्ग, पुलिस की चौकसी से टली बड़ी दुर्घटना

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25 जनवरी 2023/ माघ शुक्ल चतुर्थी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
जब तक जैन समाज अपने संतों के प्रति, चल तीर्थों का सुरक्षित विहार करवाने के लिए, जागृत नहीं रहेगा, तब तक समय-समय पर लगातार चोट की जाती रहेगी। चाहे निरादर के रूप में, अमर्यादित भाषा के रूप में ,टीका टिप्पणी या फिर उपसर्ग तक, कुछ ऐसा ही हो गया, मुंब्रा थाना के अंतर्गत शुक्रवार 6 जनवरी को सांय 4:30 बजे, जब दो दिगंबर संत विहार कर रहे थे।

आज 2 सप्ताह बाद भी जैन समाज में इसकी जानकारी तक नहीं दी गई और ना ही समाज जाग्रत हो पाया है। तब एक अन्य संप्रदाय के 25-50 लोगों ने घेराबंदी की, विहार को रोका, टोका-टोकी की और अमर्यादित शब्दों की बौछार भी हुई। दिगंबर संत शांत रहते हुए विहार करते रहे, पर अगर उस समय वहां पुलिस चौकस नहीं रहती, तो कोई बड़ी दुर्घटना को टाला नहीं जा सकता था।

तत्काल RIOT सेल की गाड़ी पहुंची। पुलिस के दस्ते पहुंचे और मामले को शांत किया गया। वहां पर एक अल्पसंख्यक संप्रदाय के लोगों द्वारा पुलिस तक से दिगंबर संतो के विहार के कागज मांगते नहीं रुके। संतो के प्रति अपशब्द कहे गए और बहुत कुछ हुआ।

पुलिस ने दोषियों के प्रति क्या कार्यवाही की?
सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा क्या?
इस तरह के हादसे रोकने के लिए अब प्रशासन क्या करेगा?
समाज ऐसे मसलों पर क्या गंभीर हुआ?


अगर जैन समाज संतो के प्रति विहार में अपनी चौकसता, पुलिस सहयोग आदि का, गंभीरता के साथ ध्यान नहीं रखेगा तो, पहले श्री सम्मेद शिखरजी में इस तरह की बात हुई और अब यहां पर चैनल महालक्ष्मी इस पर एक गंभीर रिपोर्ट प्रमाणों के साथ गुरुवार 26 जनवरी को रात्रि 8:00 के विशेष एपिसोड में, आप सबके सामने रखेगा कि क्यों समाज नहीं रहता चौकस?

एक बार फिर पुलिस की चौकसी के कारण बहुत बड़ी दुर्घटना टल गई। संतो के विहार में हमारी उदासीनता कब तक रहेगी? कब तक जैन संतों के प्रति अन्य संप्रदाय के लोग अमर्यादित भाषा का और उपसर्ग को करते रहेंगे? क्या हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते रहेंगे? देखिएगा जरूर, गुरुवार 26 जनवरी को शाम 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी का विशेष एपिसोड।