एक बहुत बड़े संत पर महिला ने लगाया दुराचार का आरोप या फिर यह है ब्लैक मेलिंग, चल रही समझौते की कशमकश

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30 जुलाई 2022/ श्रावण शुक्ल द्वितीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

एक लड़की, जो अब महिला है, शादीशुदा है, उसने एक बड़े संत के ऊपर यौन शोषण, दुराचार के इतने गंभीर आरोप लगाए हैं , जिसके बारे में कल्पना नहीं की जा सकती । पीड़िता का आरोप दुष्कर्म का है या फिर यह कथित वसूली का या ब्लैक मेलिंग का चक्कर है। क्योंकि पीड़िता द्वारा ही कहा जा रहा है कि उसकी मां को डेढ़ लाख रुपए दिए, जो उसकी मां के पास है। वैसे महिला, जिसकी शादी करवाने का आरोप, उसी संत के नाम लग रहा है , कि उसी ने एक जैन अपने कर्मचारी के साथ शादी कराई।

यह गंभीर आरोप जिस महिला ने लगाए हैं, उसके अनुसार यह घटना 24 जुलाई की है। जब उन महाराज ने आहार में आने को कहा कि 7 – 8 बजे तक आ जाया करो, तब भी वह 9:00 बजे तक पहुंचती। पर आहार के बाद , जब सब यात्रियों को वहां से रवाना कर दिया जाता, उसके बाद उस लड़की को नीचे तलघर में ले जाया जाता । कहा जाता है कि वह तलघर ध्यान केंद्र है , जहां पर केवल वही संत जा सकते हैं और किसी को जाने की अनुमति नहीं है । पर वह लड़की वहां गई , उसने वहां के पूरे घटनाक्रम और वहां के पूरे स्थिति को चित्र अंकित करते हुए, मीडिया को पूरी बात बताई और क्या किया , यह भी उसने प्रेस के सामने सब कुछ खुलासा किया।

इसकी शिकायत अब 15 जुलाई को थाने में की गई कि प्राथमिकी दर्ज की जाए, पर उस शिकायत पर कोई कार्यवाही ना होने पर , प्रेस के सामने पीड़िता आई। लेकिन इस बीच एक शपथ पत्र उसका सामने आया, जिसमें उसने लिखा कि मैंने बदले की भावना से वह शिकायत दर्ज कराई है और मेरा उन महाराज से कोई विरोध नहीं है। ना उन्होंने गलत काम किया।

शपथ पत्र पर उस महिला का कहना है कि 22 जुलाई को कुछ व्यक्ति उसके घर पर आए। उन्होंने तमंचा दिखाया और पति के बारे में पूछा , जो उस समय काम पर गया हुआ था। मां और उस महिला को बंद किया, धमकाया और महिला का आरोप है कि जबरन उससे और उसकी मां से कागजों पर हस्ताक्षर कराए और यह शपथ पत्र, उसके वकील के अनुसार वही है , जो अब सामने आ रहा है।

इसके बाद 22 जुलाई को वह महिला पुलिस अधीक्षक और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के द्वारा आवाज उठाने लगी, जिस पर राज्य के गृह मंत्री ने भी आश्वासन देने की बात कही। उसके बाद अपना बयान दर्ज कराने के बाद, आज वह डीआई कार्यालय में बयान दर्ज कराने गई, पर उससे पूर्व ही, सूत्र कहते हैं कि उसे उन महाराज के लोग लेकर चले गए, समझौते के दबाव में ।

यह स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है कि यह सारा घटनाक्रम ब्लैक मेलिंग और वसूली का है या फिर दुराचार का गंभीर आरोप, क्योंकि महिला का कहना है कि जब उसे अपने साथ गलत काम हुआ , उसके बारे में तब महाराज से कहा तो उन्होंने धमकी दी थी कि तुम्हारे परिजनों को मार दिया जाएगा और फिर उसकी शादी करा , दी वही कार्य कर रहे एक जैन व्यक्ति के साथ,और ₹80000 देने की बात भी कही है ।जब पैसे खत्म हो गए, तब उसका पति वापस काम के लिए उस जगह आने लगा, तो महिला ने जाने को मना कर दिया। दोनों में झगड़ा हुआ। तब महिला ने अपनी आपबीती बताई और पति के होश उड़ गए।उसने महाराज को फोन भी किया और पूछा कि उसके साथ ऐसा किया गया है और फिर उसकी शादी क्यों कराई ।

इन सबके चलते बात अब इतनी बढ़ गई कि महाराज से जब कुछ पत्रकारों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझसे क्यों पूछते हो, ऐसी चिट्ठी और आरोप तो लगते रहते हैं, यह लगाने वाले से पूछो या मेरे ऑफिस में जाकर वहां के अधिकारी से । जवाब निश्चय ही अटपटा था और खटकता है। सच्चाई सामने आनी चाहिए , गलती कौन कर रहा है, ब्लैक मेलिंग का किस्सा है या फिर दुराचार का। स्थिति स्पष्ट हो, तभी जनहित में होगा । नहीं तो झूठी कहानी, झूठे आरोप या सच्चाई को दबाने में एक और घटना फाइलों में रहकर बंद हो जाएगी।