.. तो पूरे हिंदुस्तान में.. हर जैन, गली-गली में उतरकर आग लगाएंगे: पूरी तरह धमकी भरे अंदाज में किस जैन साधु ने कहा ? कब कहा?

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17 मार्च 2023/ चैत्र कृष्ण दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन/EXCLUSIVE
2 घंटे में मुझे डिसीजन नहीं मिला तो पूरे हिंदुस्तान में मैं आग लगा दूंगा। हर तरफ , हर जैन, गली-गली में उतरकर आग लगाएंगे। उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी । हमारी किसी की नहीं रहेगी
और इसके बाद वहां खड़े लोग खूब तालियां पीटने लगे। वाह वाही करने लगे उन जैन साधु की। एक जैन साधु जी जब यह कह रहे थे, पूरी तरह धमकी भरे अंदाज में , यह किसी मंच से , किसी धर्म सभा में प्रवचन नहीं था, भाषण नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र के शिरपुर के पुलिस स्टेशन के वर्दी में बैठे थानेदार वानखेड़े जी और थाने के ही बांगड़ जी के समक्ष, जो उनके सामने शांत बैठे थे। यह बातें एक जैन साधु के मुख से निकली , जो निश्चय ही अकल्पनीय है।

क्या वह जैन समाज आग लगाने की सोच भी सकता है, जो हमेशा से ही अहिंसा, शांति, प्रेम सद्भाव, मैत्री, जियो और जीने दो, भाईचारे का संदेश पूरे विश्व को, वर्षों से , युग के शुरू से, देता आता रहा है। क्या वह जैन समाज, जो सल्लेखना के निर्णय पर, शिखरजी मुद्दे पर, पालीताना के कब्जे की कोशिशों पर, मयूरपंख बंद करने पर, बड़े-बड़े तीर्थों के बदलने पर, कभी भी रोष में हिंसक नहीं हुआ। शांति से ही अपनी आवाज उठाता रहा।

क्या वह इतने क्रोध में आ सकता है? जी हां , जैन शेर हैं , पर आतंकी नहीं, देश विरोधी नहीं, किसी का गलत करने वाले नहीं किसी को पीड़ा पहुंचाने वाले नहीं। यह शिरपुर पुलिस स्टेशन, अंतरिक्ष पारसनाथ से महज 600 मीटर की दूरी पर है । इस धमकी को अब 24 घंटे हो चुके हैं और किस साधु ने कहा ? कब कहा? यह सब एक बार फिर चैनल महालक्ष्मी, शुक्रवार, 17 जनवरी, रात्रि 8:00 बजे अपने अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ के भाग 5, में सबके सामने लेकर आएगा।

शायद आप लोग अभी भूले नहीं होंगे, कि गत 22 फरवरी 2023 को, सर्वोच्च अदालत ने शिरपुर अंतरिक्ष पारसनाथ पर, अंतरिम आदेश देते हुए लगभग 42 सालों से तालों में बंद श्री पार्श्वनाथ प्रतिमा के ताले खोलने का ऑर्डर जारी किया था, तथा उस अनुसार , उसके रखरखाव , प्रबंधन की जिम्मेदारी श्वेतांबर संप्रदाय को दी, जिसका दिगंबर संप्रदाय ने तनिक भी विरोध नहीं किया। निश्चय ही, हर कोई यही चाहता था कि हमारे चाहे मतभेद हो , पर मनभेद ना हो। कमेटियों की मान, आपसी मनमुटाव के चलते, आम जैन भाई, समाज क्यों भगवान के दर्शन से दूर रहे ।

इस सार्थक प्रक्रिया की शुरुआत संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज के दिशा निर्देश व दोनों संप्रदायों के आपसी भाईचारे से, उनकी सलाह से आगे बढ़ने से शुरू हुई और सचमुच उनके प्रयास रंग भी लाए।

शनिवार 11 मार्च 2013 को, 12:36 पर, आखिरकार, एसपी महोदय ने ताले की चाबी, श्वेतांबर संस्थान के वयोवृद्ध 98 वर्षीय श्री सागर चंद शाह जी को सौंप दी । जी हां, उसी दिन सौंपी, जब पूरा देश उन्हीं 23वें तीर्थंकर के ज्ञान कल्याणक को मना रहा था। कितना सुखद संयोग प्रकृति ने बनाया। जो क्रम इतना मिलनसार, दोनों संप्रदाय में ,भाईचारे से बढ़ रहा था, अचानक उस पर ब्रेक लग गया। श्वेतांबर संस्थान द्वारा लेप प्रक्रिया शुरू करने के नाम पर, 50 से 60 दिन तक दर्शन ना करने का पत्र जारी कर दिया गया और साथ ही यह जारी करते ही अपना ताला भी लगा दिया।

इस निर्णय से सब एकाएक ठगे से रह गए। श्वेतांबर भाई चाह कर भी कुछ नहीं बोल सके, बोलते भी कैसे? आखिरकार उन्हीं के संस्थान ने तो पत्र जारी किया, पर दिगंबर भाइयों में नाराजगी साफ झलकने लगी।

अगले दिन, रविवार 12 मार्च को, एलक श्री सिद्धांत सागर जी को भी, पुलिस , प्रशासन के बल पर रोक दिया गया, कि ताला भक्तों के लिए ही नहीं , संतो के लिए भी लगा है , पत्र पढ़ लीजिए। जानकारी चैनल महालक्ष्मी को भी मिली, देर शाम चैनल महालक्ष्मी ने इस पर चर्चा की, वहां पर लेप के नाम पर, ताले की बात अदालती आदेश में कहीं नहीं की गई। ना ही लेप के लिए , ऐसा पहले कभी हुआ , कि 50 दिन लेप के कारण, दर्शन तक नहीं किए गए हो । यह 100 साल का इतिहास गवाह है। साथ ही 1905 की प्रक्रिया के अनुसार, अब तो 24 घंटे दर्शन होने चाहिए।

फिर अगले दिन , सोमवार, 14 मार्च को, यही बात मराठी में वहां मौजूद प्रशासन, पुलिस व दोनों संप्रदाय के पदाधिकारियों व भक्तों के बीच सुनाई गई । अगले दिन भी ताले नहीं खोले गए। जैन भाइयों ने शांति से, दरवाजे के बाहर नारे लगाने शुरू कर दिए, ताले खोलो दर्शन दो , बस यही बोलते रहे। स्थिति जस की तस बन गई। थोड़ा सा तनाव भी वहां दिखने लगा । पर सब कुछ शांत रहा। फिर अगले दिन, 15 मार्च को लोगों की, बाहर से आकर भीड़ बढ़ने लगी। 11:00 बजे तक, लोग काफी संख्या में पहुंच चुके थे। और तब अचानक दरवाजे खुले और सब धड़ाधड़ अंदर दर्शन करके, आनंद में झूम उठे। अनेकों के आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे । आखिरकार 42 साल से बंद भगवान के दर्शन कर रहे थे। पर यह क्या हुआ? श्वेतांबर संप्रदाय के कुछ भाइयों ने झूठे आरोपों की झड़ी लगानी शुरू कर दी । सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक साथ षड्यंत्र की बात कही, दिगंबर भाइयों ने ताला तोड़ दिया? कुछ निम्न आरोप लगाए गए।

पहला आरोप: अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जी के सामने दिगंबर संप्रदाय ने दूसरी छोटी प्रतिमा और रख दी और अब धमकी : अगर ऐसा किया तो दर्शन का अधिकार भी खो बैठोगे।

आरोप नंबर दो: जिस दिन दर्शन सबने किए, वह जैन संप्रदाय के लिए काला दिन , दिगंबर संप्रदाय ने ताले तोड़ दिए, जबरन प्रवेश किया और यह जानकारी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री , गृहमंत्री सब को भेजी गई ।

आरोप नंबर 3: बहुत शर्मनाक: राष्ट्रभक्ति की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले महान ढोंगी ढकोसले आचार्य श्री विद्यासागर जी की यह करतूत नजर आ रही है ।

आरोप नंबर 4 : अदालत के आदेश की अवमानना हुई, लेप के लिए श्वेतांबर संस्थान ने नोटिस देकर 60 दिन ताला बंद करने की बात कही थी , अब ताला तोड़ा, इसलिए दिगंबर महाराज और दिगंबर समाज पर कानूनी कार्यवाही हो, सभी मुख्य को कॉपी भेजी गई।

आरोप नंबर 5: कौन सा मंदिर दिन-रात खुलता है, जो यह खुले।

हर तरफ इस तरह के आरोपों की चर्चा होने लगी लोग। इन्हीं को सब सच समझने लगे । तब चैनल महालक्ष्मी ने, बुधवार , 15 मार्च के रात्रि 8:00 बजे के एपिसोड नंबर 1742 में उपरोक्त सभी आरोपों का स्पष्टीकरण, प्रमाण सहित दिया कि सारे आरोप, झूठे, मनगढ़ंत और बेबुनियाद हैं, जिन्हें आप निम्न लिंक पर, क्लिक करके भी देख सकते हैं ।

इससे पूर्व भी चैनल महालक्ष्मी निम्न 3 एपिसोड जारी कर चुका है, अंतरिक्ष पारसनाथ सत्य दर्शन के रूप में, जिनके लिंक निम्न है:
Ep.1735 शिरपुर श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ जी ‘सत्य दर्शन’ भाग 1

Ep.1737 अंतरिक्ष पार्श्वनाथ : सत्य दर्शन : भाग 2 : 60 दिन ताले में बंद लेप पर बढ़ता विवाद (Part II)

Ep.1740 अंतरिक्ष पार्श्वनाथ:पहचान लीजिए अब प्रतिमा : श्वेतांबर रूप या दिगंबर स्वरूप (part III)

ताला तोड़ दिया, इस आरोप को चैनल महालक्ष्मी के खुलासे के बाद,

दूसरा आरोप बना दिया तोड़ मरोड़ कर, कि ताला नहीं तोड़ा , दरवाजा ही तोड़ दिया साथ ही उपवास की परंपरा शुरू हुई ।

हैरानगी तब हुई, जब बाउंसर खड़े कर दिए और ऐसी ही अनेक बातें, जिनका खुलासा, आज शुक्रवार 17 मार्च को रात्रि 8:00 बजे के अंतरिक्ष पारसनाथ , भाग 5 के एपिसोड में चैनल महालक्ष्मी करेगा ।

साथ ही , अंदर के दर्शन भी एक्सक्लूसिव कराएगा। क्या नारे लगाए गए? क्या यह सच है या झूठ?
उनका भी खुलासा करेगा
क्या अजैन बाउंसर जैन तीर्थ पर खड़ा करना सही है? किसने किया? और भी बहुत कुछ ।

और हां, 22 मार्च 2023 को, प्रातः 8:30 इस अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ जैन मंदिर पर, हमेशा की तरह शुरू से चल रही परंपरा के अनुसार, साल में तीन बार ध्वजा लगाई जाती है, जिसका अधिकार शुरू से आज भी, दिगंबर जैन समाज को ही मिला है और इस बार ताले खुलने के बाद, दर्शन के साथ, ध्वजा की स्थापना का कार्यक्रम पहली बार हो रहा है ।

अचल तीर्थ के रूप में, अंतरिक्ष पाश्र्वनाथ जैन मंदिर और चल तीर्थ के रूप में, वहां विराजमान निर्यापक श्रमण श्री योग सागर जी महाराज और अन्य कई दिगंबर और श्वेतांबर साधुओं के दर्शन करने जरूर आइएगा और हां, आज देखिएगा जरूर, शुक्रवार, रात्रि 8:00 बजे, चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड में। किसने दी आग लगाने की धमकी? और बहुत से आरोपों का सीधा सीधा जवाब।

चिंतन कीजिए, क्या अहिंसा, प्रेम, भाईचारे, शांति , सद्भाव , मैत्री, जियो और जीने दो का, विश्व को प्रेरित करने वाले, संदेश देने वाले,किसी जैन साधु से, कोई कभी सपने में भी ऐसी अपेक्षा कर सकता है, कि वे इस तरह की, बात कह कर अपना वाणी संयम खो सकते हैं ,
इतना क्रोध के आवेश में आ सकते हैं ?
क्या वह हिंसा की बात कह सकते हैं?
देखिएगा जरूर , बस कुछ घंटों बाद, रात्रि 8:00 बजे , शुक्रवार 17 मार्च को चैनल महालक्ष्मी का विशेष एपिसोड।
इस जनहित जानकारी को, पूरा जरूर पढ़िए इस लिंक पर