ईसवी संवत से 518 वर्ष पूर्व काम्यकवन (कामवन) में राजा कामसेन का राज था, यह दिल्ली के गांवों में आता था। आदिनाथ मन्दिर में टैंक की खुदाई में मिल रही है, प्रतिमाएं या प्रतीक चिन्ह इस बात का द्योतक है कि उस समय यह नगरी जैनत्व का स्वर्णिम काल रही होगी, अभी-अभी प्राप्त एक और प्रतिमा का विशेष इस बात को सिद्ध कर रही है। आवश्यकता है अधिक खोज करवाने की,और मिल रही सम्पदा को सुरक्षित रख इतिहास को सहजने की।
तीर्थक्षेत्र कमेटी का 125वां स्थापना वर्ष मनाने का शंखनाद ॰ हर...
॰ युवाओं, महिलाओं, उद्यमियों, पत्रकारों, विद्वानों का आह्वान
॰ 22 अक्टूबर 2026 से 22 अक्टूबर 2027 तक मनाया जाएगा तीर्थ संरक्षण महोत्सव
॰ शुरूआत स्थापना स्थल...