श्वेताम्बर जैन समाज में तीसरी संतान को जन्म देने वाले दम्पतियों को पांच लाख रुपये की धनराशी उपहार स्वरूप

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2009

जैनियों की निरन्तर घटती संख्या पर अनेक मंचों पर विचार विमर्श होते रहते हैं, परन्तु इस हेतु सार्थक प्रयासों का क्रियान्वयन कम ही देखने को मिलता है| अभी हाल ही में बेंगलुरु के गोडवाड जैन भवन ट्रस्ट के द्वारा यत्ना, विवेक एवं देशकाल भाव को ध्यान में रखकर अत्यंत महत्वपूर्ण एवं अनुकरणीय घोषणा की गई|

गोडवाड जैन भवन ट्रस्ट ने अपनी एक विज्ञप्ति में कहा कि श्वेताम्बर जैन समाज में तीसरी संतान को जन्म देने वाले दम्पतियों को पांच लाख रुपये की धनराशी उपहार स्वरूप प्रदान की जायेगी| आर्थिक दृष्टि से कमजोर जैन बंधुओं के बच्चों के अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी| आर्थिक दृष्टि से कमजोर बुजुर्गों को आर्थिक सहायता एवं बीमारी की अवस्था में इलाज में सहायता प्रदान की जायेगी|

यह कदम अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण, सराहनीय एवं अनुकरणीय है| गोड़वाड जैन भवन श्वेताम्बर जैन ट्रस्ट बेंगलुरु द्वारा प्रारम्भ की गई यह पहल स्वधर्मी वात्सल्य का अनुपम एवं अनुकरणीय उदाहरण है| क्या भारत के अन्य जैन संघ, जैन ट्रस्ट, जैन समूह भी इसका अनुकरण कर आर्थिक दृष्टि से कमजोर स्वधर्मी बंधुओं की सेवा में आगे आयेंगे या सिर्फ़ घड़ियाली आसूं बहाकर झूठी संवेदना ही प्रकट करते रहेंगे|

– सुगालचंद जैन चेन्नई – 600010
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