क्या छपने वाली जैन पत्र पत्रिकाएं भविष्य में मात्र सोशल मीडिया पर मिलेंगी, आज ही सोचना होगा बदलाव पर #jainmedia

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23 अगस्त 2022/ भाद्रपद कृष्ण दवादिशि /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
राजस्थान,मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश,हरियाणा,महाराष्ट्र, दिल्ली,गुजरात प्रान्तों से जैन पत्रकारों ने जैन पत्रकार महासंघ के तृतीय अधिवेशन में भाग लेकर अपने अनुभव अपने विचारों से व्यक्त किये। जैन पत्रकार महासंघ को और उत्कृष्ट बनाने पर गहन मंथन चिंतन हुआ।
क्या देश में प्रचलित 740 के लगभग जैन पत्र-पत्रिकाओं का भविष्य अंधकारमय है?
क्या आज जैन मीडिया अपने को पुरानी तकनीक से उभारना नहीं चाहता?
क्या नई तकनीकी पीढ़ी आज जैन पत्र-पत्रिकाओं से दूर नहीं होती जा रही ?
क्या जैन समाचारों का, देश की खबरों से अब जुड़ाव खत्म होता जा रहा है ?

ऐसे कई सवाल हैं, जिनको आप नकार नहीं सकते और डिजिटलाइजेशन के क्षेत्र में सिद्धहस्त पंकज मुकाती ने विस्तृत विवेचन और बिंदु अपनी ओर से बताएं वह निश्चय ही जैन पत्र-पत्रिकाओं के सुनहरे भविष्य का पन्ना खोलते हैं । बदलना होगा अपने आपको । आज जो हम परोस रहे हैं वह बासी हो जाता है। आज प्रिंट के साथ डिजिटल की बैसाखी बहुत आवश्यक है। जो भी पहुंचाना है, तुरंत अच्छा, अलग परोसना होगा। उसमें लंबाई नहीं , गुणवत्ता चाहिए। शब्दों में सरलता और शास्त्रों की बातों को कहानी आदि के रूप में बहुत सरल भाषा में, अगर हम परोंसे, तो आने वाली पीढ़ी को जैन धर्म, समाचारों और घटनाओं से जोड़ पाएंगे ।

उन्होंने कई टिप्स दिए और कहा जाए जैन पत्रकार महासंघ के अधिवेशन का यह सबसे प्रमुख व मजबूत पक्ष था , जिसे जिसने गंभीरता से लिया होगा , वह निश्चय ही जैन पत्र-पत्रिकाओं के भविष्य में सुनहरे अक्षर अंकित कर सकेगा। विवेचन करते हुए कहा कि यदि सबसे बड़ा पत्रकार कोई था तो वह राजा श्रेणिक था जिसने भगवान महावीर से 60,000 प्रश्न पूछे थे। क्योंकि सही पत्रकार वही है जो प्रश्न पूछता है। जितना अधिक महत्वपूर्ण प्रश्न होता है उतना ही अधिक महत्वपूर्ण उसका उत्तर भी होता है यदि प्रश्न महत्वपूर्ण नहीं है तो उत्तर भी महत्वपूर्ण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पत्रकार को लिखना चाहिए लेकिन उससे पहले टटोलना चाहिए वर्तमान युग कॉपी पेस्ट कर केवल फॉरवर्ड करने का होता जा रहा है जो कि किसी भी स्थिति में तर्कसंगत में उपयुक्त नहीं है।

उनके विषय पर कोई घबरा ना जाए, इस पर विख्यात गणितज्ञ डॉ अनुपम जैन ने अपने उद्बोधन में मरहम जरूर लगाया कि जैन मीडिया देश के अन्य मीडिया से अलग है , इसलिए आपके भविष्य पर खतरा नहीं है। कहा कि शून्य की खोज आर्यभट्ट से पहले जैन मुनि ने की थी। जिसका भरपूर उपयोग तिलोय पणत्ति ग्रंथ में किया गया है। जल्द ही संपूर्ण जैन समाज को गौरवान्वित होने का मौका मिलेगा जब पूरा विश्व शून्य की खोज जैन मुनियों के द्वारा करना स्वीकार करेगा।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए आचार्य श्री प्रज्ञा सागर जी ने स्पष्ट कह दिया कि अगर हम जिम्मेदार नहीं बनेंगे , साप्ताहिक को एक दिन, मासिक को 2 दिन में परोसते रहेंगे, तो वह दिन दूर नहीं , जब पत्र-पत्रिकाओं की , विशेषकर जैन पत्र-पत्रिकाओं की , संख्या में जो गिरावट आ रही है ,और पिछले 2 सालों में आधी से ज्यादा प्रिंट पत्रिकाएं लगभग बंद हो गई है , उनका भविष्य अंधकार में हो जाएगा। अगर वह कॉपी, कट , पेस्ट की लत नहीं छोड़ेंगे।

आचार्य श्री प्रज्ञा सागर महाराज ने जैन पत्रकार महासंघ के द्वारा राजा श्रेणिक पत्रकार पुरस्कार महावीर तपोभूमि उज्जैन के माध्यम से प्रदान करने की घोषणा की। जिसमें प्रथम पुरस्कार प्रदीप जैन विश्व परिवार (सदस्य प्रेस काउंसिल आफ इंडिया ) रायपुर को प्रदान करने की भी घोषणा की गई। यह पुरस्कार चयन पत्रकार महासंघ के अगले आयोजन में प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण एवं महासंघ का वार्षिक प्रतिवेदन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन बड़जात्या जयपुर द्वारा पढा गया ।
दोपहर के समापन सत्र की अध्यक्षता प्रदीप जैन रायपुर सदस्य प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने की, मुख्य अतिथि पारस चैनल के चेयरमैन प्रकाश मोदी रायपुर रहे। स्वागत भाषण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जैन तिजारिया द्वारा दिया गया।

जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन जयपुर ने अवगत कराया कि जैन रत्न ,समाज भूषण श्री राजेंद्र के गोधा स्मृति जैन पत्रकारिता पुरस्कार साप्ताहिक जैन गजट को जिसे प्रतिनिधि के रूप में सुधेश जैन प्रबंध संपादक जैन गजट लखनऊ ने प्राप्त किया।

बागड़ गौरव श्री सोहन लाल जी गांधी स्मृति जैन पत्रकारिता पुरस्कार श्रीमती ममता अनिल गांधी संपादक जैनाचार्य पत्रिका मुंबई को एवं तीर्थ सेवी सेठ श्री पूरन चंद जैन स्मृति साहित्य पत्रकारिता पुरस्कार डॉक्टर सूरज मल जैन बोबरा इंदौर को प्रदान किया गया उन्हें प्रशस्ति पत्र, श्रीफल, साहित्य, माला साल एवं 11000 रु की पुरस्कार राशि का चैक देकर महासंघ के रमेश जैन तिजारिया, हंसमुख गांधी ,राजेंद्र जैन महावीर ,उदयभान जैन ,अकलेश जैन, सुनील संचय, दिलीप जैन ,मनीष विद्यार्थी, डॉ प्रगति जैन ,राकेश चपलमन महेंद्र बैराठी संजय बड़जात्या आदि पदाधिकारियों एवं अतिथि तथा समन्वयकों द्वारा सम्मानित किया गया।
संचालन अधिवेशन कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र महावीर सनावद सुनील संचय ललितपुर प्रगति जैन इंदौर ने किया ।

स्वागत भाषण महासंघ के अध्यक्ष रमेश तिजारिया जयपुर द्वारा दिया गया।
इस अवसर पर देश के विभिन्न स्थानों से आए जैन संपादकों पत्रकारों ने अपना अपना परिचय दिया 8 राज्यों के जैन पत्रकार बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
संकलन सहयोग : उदयभान जैन ,संजय जैन बड़जात्या कामां, सुनील संचय ललितपुर, राजेंद्र जैन महावीर