हरि शंकर जैन और विष्णु शंकर जैन.. नाम से ज़रूर जैन हैं पर कर्म से… जानिए क्या ये जैनों के लिए भी कभी लड़ेंगे

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28 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा चतुर्दशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

अभी कुछ समय पहले मुनि श्री प्रणम्य सागर जी का एक वीडियो वायरल हुआ सोशल मीडिया पर, जिसमें उन्होंने अपील की कि समाज के लोग, अपनी बात को हरिशंकर जैन और उनके पुत्र विष्णु शंकर जैन के पास लेकर जाए, जिससे वे गिरनार आदि हमारे तीर्थों पर जो अन्य संप्रदाय द्वारा कब्जे किए जा रहे हैं, उनमें जैनों की बात रख सकें। आज चैनल महालक्ष्मी आपके पास वह जानकारी रख रहा है , जिससे आपको शायद पता चल सके कि वे अब तक कितने केस जैन समाज के लिए और कितने केस हिंदू समाज के लिए लड़ चुके हैं । और हम कितनी उम्मीद रख सकते हैं कि वह गिरनार जैसे जैन समाज के सर्वोपरि मामलों में जैन समाज की ओर से लड़ सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट हरि शंकर जैन का जन्म 27 मई 1954 को हुआ था और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन का जन्म 9 अक्टूबर 1986 को हुआ था। पहले दोनों ने श्री राम का केस लड़ा और अब दोनों भगवान शंकर का केस लड़ रहे है।

-साल 1976 में हरिशंकर जैन ने लॉ प्रैक्टिस शुरू की थी । पहले लखनऊ कोर्ट फिर हाईकोर्ट और फिर हरि शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट के वकील बन गए । उधर विष्णु शंकर जैन ने भी साल 2010 में कानून की पढ़ाई पूरी कर ली और तब से पिता का साथ देने लगे।

-2016 में विष्णु शंकर जैन सुप्रीम कोर्ट के भी वकील बन गए राम जन्म भूमि के केस में ही विष्णु शंकर जैन पहली बार सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट के रूप में पेश हुए । दोनों पिता पुत्र श्री राम जन्मभूमि केस की लीगल टीम का हिस्सा रहे।
-दोनों जैन पिता पुत्र अब तक 102 केस लड़ चुके हैं जो हिंदू धर्म की अस्मिता से जुड़े हुए हैं। 1990 से ही मथुरा का केस हरिशंकर जैन लड़ रहे हैं। कुतुब मीनार और कुव्वत उल इस्लाम कथित मस्जिद का केस भी हरिशंकर जैन ने फाइल किया हुआ है।

-दोनों पिता पुत्र कई हिंदू संगठन भी चलाते हैं। विष्णु शंकर जैन हिंदू फ्रंट ऑफ जस्टिस के प्रवक्ता हैं। हरिशंकर जैन भगवा रक्षा वाहिनी के संस्थापक हैं। हरिशंकर जैन हिंदू साम्राज्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। हरि शंकर जैन कट्टर हिंदुत्ववादी हैं। 31 जुलाई 2017 को हरिशंकर जैन ने ट्विटर पर लिखा था… चरमपंथ को धारण करके ही कोई कम्युनिटी अपने धर्म को बचा सकती है। सहिष्णुता अभिशाप और अधार्मिकता है कठोरता और चरमपंथ धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक है

अब क्या आप, अब भी यह उम्मीद रख सकते हैं कि वह अदालत में इस बात की लड़ाई लड़ सकेंगे कि
गुजरात मे गिरनार जी निर्वाण क्षेत्र है, वंहा से नेमिनाथ जी मोक्ष गये है और नेमिनाथ भगवान जैन धर्म के तीर्थंकर है।
हां , यही वह जगह है जिस पर एक बड़ी राजनीतिक पार्टी की शह पर,उनके कथित पंडो ने कब्जा कर लिया है, जब कि माननीय न्यायायलय द्वारा उस जगह पर स्टे आर्डर है, ला आर्डर पालन हेतु पुलिस फ़ोर्स भी लगी है।