पहली बार किसी भी जेल से होगी सिद्धों की आराधना – बंदियों के बीच होगी प्रभु वंदना

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विश्व इतिहास में पहली बार किसी भी जेल में श्री 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान होने जा रहा है। जी हाँ श्रमणकुलतिलक चारित्र चूडामणि चर्या चक्रवर्ती पूज्यपाद आचार्य भगवान् श्री विद्यासागर महाराज के मंगल आशीर्वाद से सागर जेल हथकरघा की द्वितीय वर्षगांठ पर आदरणीय बा.ब्र. संजीव भैया, बा. ब्र. शैलेन्द्र भैया, बा. ब्र. अरुण भैया के निर्देशन में केंद्रीय जेल सागर में 13 से 16 फरवरी 2020 तक विधान का आयोजन किया जा रहा है।

जहाँ विश्व शांति और अपराध मुक्त भारत की भावना लिए ब्र. रेखा दीदी (पूर्व डीएसपी) एवं उनकी टीम के प्रयासों से, समाज श्रेष्ठियों के सहयोग से बंदियों और जेल प्रशासन के साथ सभी आमजन पात्र महापात्र बन पूजन विधान रचाएंगे । इस विधान में मात्र 108 जोड़ों को सम्मिलित होने की अनुमति मिली है इनके अलावा किसी और को प्रवेश की अनुमति नहीं है।
मंगल दृव्य एवं जेल में बने हथकरघा के वस्त्रों के साथ आप इंद्र इन्द्राणी बन इस ऐतिहासिक विधान के साक्षी बन सकते हैं और सक्षम हैं तो स्वप्रेरणा से सौधर्म इंद्र, कुबेर इंद्र, श्रीपाल मैना सुन्दरी, महायज्ञनायक, जैसे महापात्र बन कर गौरवपूर्ण आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं । जोड़े से शामिल होने की अनुकूलता ना हो तो अकेले इंद या अकेली इन्द्राणी बन कर भी भागीदारी दे सकते है।

बुरा करके जेल जाने के किस्से हजारों हैं चलो कुछ अच्छा करने के भावना लिए इस महायज्ञ में सम्मिलित हों।
निवेदक:- सकल दिगंबर जैन समाज सागर
पुष्पेन्द्र जैन नैनधरा
निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी महाराज ने प्रवचन मे कहा
मोक्ष दिवस आदिनाथ भगवान ने मोक्ष के द्वार खोले
1.द्रव्य तत्व- आदिनाथ भगवान ने द्रव्य को नहीं प्राप्त किया आज मोक्ष तत्व को प्राप्त किया द्रव्य के बिना तत्व को प्राप्त नहीं किया जा सकता,तत्व मे द्रव्य गर्भित हैं।
2. द्रव्य मे सम्यक्त्व ही होता है तत्वों में भ्रम होता है जैन आचार्यों ने इसके लिए पदार्थ दिया,पदार्थ से सब पता चल जाता है तत्व भावनात्मक होता है सही बताता है।
3.संसार की सभी निंदा करते हैं संसार कभी बुरा नहीं होता संसार में तत्वों का बगीचा है भण्डार है इस सृष्टि का बीज है तत्व द्रव्य मे से बीज निकलता है उसमें से तत्व निकलता है द्रव्यो को भोगा नहीं जाता हैं।बीज को खायेगा नहीं,उसमें घुन भी नहीं लगने देगा।
4. द्रव्य को भोगने की वस्तु नहीं द्रव्य की तरफ दृष्टि रखो,द्रव्य को भोगने की कोशिश करी तो कड़वा लगेगा,द्रव्य को आनंद मे लेने की बात कर रहे हो द्रव्य भोगता है द्रव्य को भोगना नहीं है।
प्रवचन से शिक्षा- द्रव्य के बाद तत्व,तत्व के बाद पदार्थ से जीव की पहचान करो।
सकंलन ब्र महावीर 739918672