#अंतरराष्ट्रीय_संग्रहालय_दिवस पर देखिए- क्या भारतीय संग्रहालयों में जैन तीर्थंकरों को मिल रहा उचित सम्मान, हो रहा संरक्षण या क्षरण

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18 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा तृतीया /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/

आज अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस #InternationalMuseumDay है और भारत में विशेष रुप से निशुल्क प्रवेश के साथ, लोगों के दर्शन के लिए भी आमंत्रित किया गया है। पर आज यह दिन हमें इन संग्रहालयों के दर्शन से एक बात सामने दिखाता है कि क्या देश की संस्कृति , विरासत के संवर्धन और सुरक्षा में , हमारी सरकारें, प्रशासन क्या पूरी तरह कटिबद्ध है । आज आपको कुछ ऐसे चित्र दिखाएंगे , जिन्हे देख कर आपको जरूर तकलीफ होगी कि जैन संस्कृति से तीर्थंकरों से क्या कोई सौतेला व्यवहार किया जाता है।

क्या तीर्थंकर प्रतिमाओं को शो पीस बना कर म्यूजियम के बाहर लगा देना, क्या उनका पूरा सम्मान है । हैरान हो जाएंगे आप जब यह जानकारी आप चैनल महालक्ष्मी के आज, बुधवार ,18 मई रात्रि 8:00 के विशेष एपिसोड में देखेंगे कि अन्य संप्रदायों के भगवानों की मूर्तियों को संग्रहालयों के अंदर रखा गया है , वही छोटे से समाज , जैन समाज के तीर्थंकरों की प्रतिमा, अनेक संग्रहालयों में अंदर रखने के साथ, बाहर भी, खुले में इस तरह रखी हैं , कि उन पर गर्मी, सर्दी, बरसात, आंधी , तूफान से उनका संरक्षण नहीं, क्षरण होता रहे। यह चिंतनीय है , कि हमारी कमेटियों ने कभी इस ओर आवाज नहीं उठाई। हकीकत क्या होगी, यह आप देखना मत भूलिए का आज बुधवार ,18 मई रात्रि 8:00चैनल महालक्ष्मी के विशेष एपिसोड में।

दुनिया भर में संग्रहालयों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (#International_Museum_Day) मनाया जाता है. साल 1977 में ‘द इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम'(ICOM) ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. यह दिन संग्रहालय समुदाय के लिए एक अनूठा दिन होता है जिसे मनाने का एकमात्र उद्देश्य ऐतिहासिक तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है ताकि देश-विदेश की संस्कृति से लोगों को रूबरू कराया जा सके

संग्रहालयों (Museum) में हमारे आसपास की दुनिया को बदलने की शक्ति होती है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 18 मई 1983 को संग्रहालय की महत्ता को समझते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें हर साल अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (International Museum Day) मनाने की बात की गई थी. इसके बाद साल 1992 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद द्वारा यह फैसला लिया गया कि हर साल इस दिन को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाएगा. इस दिन को मनाने का खास उदेश्य लोगों के अंदर संग्रहालय के प्रति जागरूकता पैदा करना और सोशल कल्चर को बढ़ावा देना होता है.

राष्ट्रीय संग्रहालय (नई दिल्ली), राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय (नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु), इलाहाबाद संग्रहालय (प्रयागराज), भारतीय संग्रहालय (कोलकाता), विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कोलकाता), सालार जंग संग्रहालय (हैदराबाद) और साइंस सिटी और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद के अंतर्गत आने वाले केंद्र (भारत भर में 24 स्थानों पर) इस पूरे सप्ताह में विशेष पहल कर रहे हैं.
इसके लिए पहले ही मंत्रालय के अंतर्गत देश भर के सभी संग्रहालयों में पूरे सप्ताह के दौरान (16 मई से 20 मई तक) विजिटर्स के लिए नि:शुल्क प्रवेश की घोषणा कर दी है.
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