11 मई 2022/ बैसाख शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मीऔर सांध्य महालक्ष्मी/
जहां मूलनायक भगवान श्री १००८ पार्श्वनाथ जी की मनोहर प्रतिमा विराजमान हैं । गर्भ गृह की दिव्य आभा मानो सहज ही वीतरागी प्रभु के गुणगान करती प्रतीत होती हैं । मूल वेदी के बायीं ओर श्री बाहुबली भगवान जी की खड्गासन प्रतिमा श्वेत पाषाण में विराजमान हैं । व मूलवेदी के दायीं ओर अति सुंदर श्री शांतिनाथ भगवान जी की प्रतिमा श्वेत पाषाण में विराजमान हैं । क्षेत्र पर सुंदर मानस्तम्भ भी स्थित है।
यह स्थान सरवटे बस स्टैंड से महज 200 मीटर की दूरी व इंदौर रेलवे स्टेशन से मात्र 600 मीटर दूरी पर बना है, इंदौर के हवाई अड्डा से यह निशियाँ जी 8.5 किमी है ।
इस क्षेत्र पर सामूहिक अभिषेक व शांतिधारा का समय प्रातः 7 से 7:30 तक का है ।
क्षेत्र पर रहने व भोजनालय की सःशुल्क उत्तम व्यवस्था है । आधुनिक सुविधाओं से युक्त A/c रूम आदि भी उपलब्ध है ।