आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज की प्रेरणा से जाग रही है नई अलख कि अब इंडिया नहीं सभी मिलकर कहेंगे ‘भारत’

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20 मई 2022/ जयेष्ठ कृष्णा पंचमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
भारत का अर्थ होता है – प्रकाश में रत ज्ञान ….
हम सभी हैं सम्राट भरत के वंशज तभी तो देशवासियों ने नाम चुना भारत….
तो इंडिया नाम के पीछे का क्या है सच ?

सच है ये कि भारतीयों की पहचान पूरी तरह ख़त्म हो जाए, और जड़ें खोखली हो जायं भारतीय संस्कृति की…..
इस कुचक्र के तहत ब्रिटिश
सरकार ने जबरन भारत का नाम बदलकर कर दिया इंडिया ……. जिस नाम को स्वेच्छा से आज तक ढो रहे हैं हम….. चाहे आम इन्सान हो या कोई बुद्धजीवी…… भारत को कहते हैं इंडिया….. लेकिन क्यूं ?

अपने घर में जन्में बच्चे का भी नाम भी ख़ूब सोच-समझ कर रखते हैं हम, क्यूं कि नाम की होती है अहम भूमिका…तो फिर देश के नाम के साथ खिलवाड़ क्यूं?
जब हम भारतवासी प्रेम से लेंगे अपने भारत देश का नाम… तभी तो भारत से जागेगा प्रेम …ख़त्म होगा वैमनस्यता का भाव….और बढ़ेगा सौहाद्र….

अब हमारी है ज़िम्मेदारी कि अपनी सोच को तो हम ग़ुलामी की बेड़ियों से आज़ाद रखें…..
आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज कि प्रेरणा से बदलेंगे सोच, तो बदलेगा भारत । जय हिन्द, जय भारत ।
त्रिलोक जैन