अतिशय क्षेत्र हुमचा पद्मावती- इस तरह की शिल्पकला भारत मे संभवतः किसी और प्रतिमा जी मे नही

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ये प्रतिमा जी अतिशय क्षेत्र हुमचा पद्मावती, कर्नाटक में है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की ये प्रतिमा उत्तर पुराण में वर्णित पार्श्वनाथ चरित्र के अनुसार है। प्रतिमा जी में जो विशेषता है वह यह है कि इसमें पद्मावती ने भगवान के ऊपर छत्र लगाया हुआ है ना कि भगवान को अपने ऊपर बैठाया है। जैसा कि आजकल की अनेक प्रतिमाओं में देखने को मिलता है। उत्तर पुराण में यही वर्णन है। भारत में तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी की मात्र कुछ ही ऐसी प्रतिमाएं हैं जो कि उत्तर पुराण के अनुसार है। जैसे : कटनी, हुमचा पद्मावती, आदि।

इस प्रतिमा को ध्यान से देखिए। इस प्रतिमा पर शिल्पकार ने अद्भुत कारीगरी की है। प्रतिमा के दोनों और कमठ और उसकी भार्या ने अलग-अलग रूप बनाकर मुनि पार्श्वनाथ पर जो उपसर्ग किया था, वह दर्शाया गया है। भगवान के केवलज्ञान होने पर कमठ को अपनी गलती का अनुभव हुआ और वह अपनी भार्या के साथ भगवान के चरणों मे बैठ गया, ये भी प्रतिमा जी मे दर्शाया गया है। इस तरह की शिल्पकला भारत मे संभवतः किसी और प्रतिमा जी मे नही है। प्रतिमा लगभग सातवी शताब्दी की है। दर्शन कर लाभ ले।
– सचिन जैन, बड़ौत