19 जनवरी के दिन 160 वर्ष पूर्व 1858 में भारत की आजादी में सहयोग करने हेतु लाला हुक्म चंद जैन जी व उनके नाबालिग 13 वर्ष के भतीजे फकीरचंद जैन को हांसी में अंग्रेजों ने उनकी हवेली के सामने ही सरेआम फांसी देकर उनके मृतक शरीर को अपमान करने हेतु जलाने के स्थान पर दफनाया था! *लाला हुक्म चंद जैन जी व फकीरचंद जैन को उनकी अमर शहीदी तिथि 19 जनवरी को शत – शत नमन
भारत की आजादी के इतिहास में अंग्रेजों ने पहली फांसी वर्ष 1857 में क्रांति की शुरूआत करने वाले क्रांतिकारी मंगल पांडे को और दूसरी फांसी 1858 में लाला हुकुम चंद जैन को दी थी!
*यदि हम देश की आजादी में अपना सहयोग न दे सके तो कम से कम जिन्होंने अपना सब कुछ देश के लिए अर्पण कर दिया ऐसे जैन वीरों की कुर्बानी को नमन कर उन्हें सच्ची श्रधांजलि तो दे ही सकते है और वो जैन बंधु तो अवश्य श्रधांजलि देने की कृपा करें जिन्होंने अलग – अलग नामों से अंग्रेजो के नव वर्ष को 18 दिन पूर्व बड़ी धूमधाम से मनाया था!