1857 की क्रांति के प्रथम शहीद मंगल पांडे जी का नाम सबने सुना है लेकिन “गदर“के दूसरे शहीद लाला हुकुम चंद जैन और उनके भतीजे 13 वर्षीय फकीर चंद्र जैन का नाम शायद ही कभी सुनने को मिला होगा
लाला हुकुम चंद जैन हरियाणा के हिसार जिले के हांसी निवासी थे ।और बहादुरशाह जफर के कानूनी सलाहकार रहे थे। शहीद हुकुम चन्द्र ने अग्रेजों को हरियाणा पंजाब में रोकने के लिए बादशाह को मदद के लिए पत्र लिखकर मदद मांगी थी यह पत्र अग्रेजों के हाथ लग गया ।18जनवरी 1858को लाला हुकुम चंद और उनके 13साल के पुत्र को उन्ही के घर के सामने फांसी पर लटका दिया गया ।पुत्र फकीर चंद्र को अदालत ने बरी कर दिया था लेकिन इसके बावजूद फांसी पर लटका दिया गया । अमानवीयता की हद देखो उन दोंनों शहीद को जबरदस्ती दफनाया गया अंतिम संस्कार भी नही करने दिया गया ।
उनके पास 9000 एकङ जमीन थी ।लेकिन उनके परिवार को 80साल तक हांसी में नही घुसने दिया गया ।आज उनके वंशज इन्दौर में रहते हैं।