7 अगस्त 2022/ श्रावण शुक्ल दशमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी
हस्तिनापुर जैन कल्याणक तीर्थ क्षेत्र, मेरठ (उत्तर प्रदेश) का विहंगम… रोमांचित करता दृश्य।
दिल्ली से 110 किलोमीटर ।
इस कल्याणक क्षेत्र की निम्नलिखित विशेषताएं हैं–
1.जैन संप्रदाय के तीन तीर्थंकरों के चार चार कल्याणकों का गौरव प्राप्त है,भगवान अरहनाथजी , कुंथुनाथजी एवं शांतिनाथजी ।
2. प्रथम तीर्थंकर भगवान श्री आदिनाथ को राजा श्रेयांश द्वारा इक्षुरस (गन्ने का रस) का प्रथम आहार।
3. मुनिश्री विष्णुकुमार द्वारा अकंपनाचार्य आदि 700 महामुनिराजों पर उपसर्ग का निवारण इसी पुण्य धरती पर हुआ था। उसके बाद से ही रक्षाबंधन का पुनीत पर्व प्रारंभ हुआ ।
4. भगवान मल्लिनाथ का समवशरण भी इस क्षेत्र पर आया था।
5. यहां भगवान पारसनाथ एवं भगवान महावीर के भी पधारने का उल्लेख मिलता है।
6. यह कल्याणक तीर्थ क्षेत्र जैन संप्रदाय के प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों जैसे श्री सम्मेद शिखरजी, श्री अयोध्या जी, श्री काशीजी , की श्रेणी में ही स्थान रखता है क्योंकि इन सभी जगहों से एक से ज्यादा तीर्थंकरों के जन्म/ मोक्ष कल्याणक हुए। अत्यंत पवित्र पावन तीर्थ स्थली के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त कर अनंत अनंत पुण्य कर्मों के भागी बनें।
गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी एवं संघ का चातुर्मास हस्तिनापुर जिला मेरठ उत्तर प्रदेश के जंबूद्वीप पर चल रहा है