26 जनवरी 2023/ माघ शुक्ल षष्ठी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी /
पंचकल्याणक-30 अप्रैल से 5 मई 2023
तिथि-वैशाख शुक्ला दशमी से वैशाख शुक्ला पूर्णिमा
महामस्तकाभिषेक-6 एवं 7 मई 2023
अनादिकाल से जहाँ अनंत तीर्थंकरों ने जन्म लिया तथा वर्तमान में जो भगवान ऋषभदेव आदि 5 तीर्थंकरों की जन्मभूमि है ऐसे महातीर्थ अयोध्या में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा एवं सान्निध्य में तथा आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के मार्गदर्शन एवं पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर पर तीस चौबीसी के 720 एवं भगवान भरत, बाहुबली, ऋषभसेन आदि 101 भगवान तथा 31 फुट उत्तुंग भगवान भरत के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया गया है।
सम्पूर्ण दिगम्बर जैन समाज के समस्त परिवारजनों को प्रेरणा है कि शाश्वत महातीर्थ अयोध्या में होने वाले इस राष्ट्रीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में इन्द्र-इन्द्राणी बनने का एवं प्रथम बार एक साथ 720 रत्न प्रतिमाओं के महामस्तकाभिषेक में एक कलश अभिषेक करने का सौभाग्य अवश्य प्राप्त करें।
विशेष-इस पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी ससंघ के साथ ही आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की परम्परा के तृतीय पट्टाचार्य आचार्यश्री धर्मसागर जी महाराज के शिष्य आचार्यश्री विपुलसागर जी महाराज का भी सान्निध्य प्राप्त होगा।