जागृति एन्क्लेव में अभिषेक ग्रुप आगे आया
नये साल के प्रथम रविवार पर सामूहिक अभिषेक में 05 जनवरी को गुल्लक वितरण ॰
विधान का आयोजन
17 दिसंबर 2024/ पौष कृष्ण दौज /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन /
जागृति एन्क्लेव दिगंबर जैन मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए तीर्थों की सुरक्षा-संरक्षण में हर संभव सहयोग देने की बात पर जोर देते हुए मुनि श्री शिवसागरजी महाराज ने कहा कि आप लोग श्री सम्मेद शिखरजी की यात्रा करने जाते हो, कई बार गये होंगे और दान भी दिया होगा। पर वह दान उस पर्वत के लिये नहीं देते। फिर आप लोग कहते हैं, वहां यह भी सुविधा हो, वो भी हो, कैसे हो बिना सहयोग के। पिछले 25-30 सालों में जैसा हमने सुना है, आप जैसे यात्रा करने वालों से सुना है, चैनल महालक्ष्मी वाले तो अच्छी तरह जानते होंगे, कितनी वंदना सुविधाजनक हो गई है। पर आप का दान वहां नीचे तलहटी के मंदिर-कमेटियों में दे दिया जाता है, वो उसी में सिमट कर रहा जाता है, कभी वह पर्वत के लिये उपयोग नहीं होता। पर्वत वंदना से ही पुण्य मिलता है, उसके लिये दिये गये दान से अधिक पुण्य मिलता है। उस पर्वत के लिये दान भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी को देना होगा।
इस अवसर पर चैनल महालक्ष्मी ने जब तीर्थक्षेत्र कमेटी द्वारा दान देने के लिये अधिक सुविधाजनक घर-घर गुल्लक योजना के बारे में बताया, तब मुनि श्री ने कहा कि रोजाना हर व्यक्ति एक रुपया या अपने सामर्थ्य से ज्यादा भी, दान दे और घर से ही पुण्यार्जन करें तो इसके लिये सभी परिवारों को इस घर-घर गुल्लक योजना में शामिल होना चाहिए।
इसके लिये मंदिर के अभिषेक ग्रुप ने तुरंत सबको जोड़ने की जिम्मेदारी ले ली। गुल्लक की लागत 150 रुपये है और इसी लागत पर प्रत्येक के लिये यह गुल्लक तीर्थक्षेत्र कमेटी उपलब्ध कराती है। अभिषेक ग्रुप की ओर से श्री सत्येन्द्र जैन तथा अमित जैन ने सभी को जुड़ने की बात कही। और जो व्यक्ति अपने नाम लिखा देंगे उन्हें नये वर्ष में 05 जनवरी को मासिक विशेष अभिषेक पर गुल्लक वितरित की जाएगी तथा उसी दिन विधान का भी आयोजन किया गया है।
मुनि श्री की आज्ञा से चैनल महालक्ष्मी ने कहा कि अगर आप सबने इतना ही जबर्दस्त उत्साह है, तो उस दिन सभी का, ग्रुप फोटो लेकर तीर्थवंदना के साथ सान्ध्य महालक्ष्मी व चैनल महालक्ष्मी में भी प्रसारित किया जाएगा। भावना यही है कि हर व्यक्ति से शिखरजी सहित 350 से ज्यादा तीर्थों के प्रति, दान की भावना बढ़े और सभी तीर्थों का पुण्य मिल सके।
आप भी अपने मंदिर में सामूहिक रूप से इस से जुड़ना चाहते हैं तो तीर्थक्षेत्र कमेटी से या सान्ध्य महालक्ष्मी से सम्पर्क कर सकते हैं।