अभी हाल में देश के एकमात्र जैन मुख्यमंत्री यानि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से हाईकमान ने आगामी चुनावी रणनीति के अंतर्गत कुर्सी वापस खींच ली और बैठा दिया। 59 वर्षीय भूपेन्द्र पटेल क्या जैन हैं, सीमंधर स्वामी प्रतिमा के साथ देखकर हां और ना, दोनों ही बाते बाजार में गर्म हैं।
अभी इसका खुलासा हुआ सामने आई खबरों से। 59 वर्षीय पटेल, गुरु दादा भगवान के भक्त हैं, दादा भगवान मंदिर अहमदाबाद शहर से 20 किमी दूर अदालज़ गांव में काफी विशाल रूप में है, त्रिमूर्ति स्थापित है यहां शिव, सीमंधर स्वामी और कृष्णजी की। अहमदाबाद काकोल हाइवे पर है। इसे अदालज त्रिमंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर हिन्दू – जैन धर्म के समागम का प्रतीक है, जैन संस्कृति को मानता है और पटेल जी इसके खास भक्त हैं। वहीं पर सीमंधर स्वामी की विशाल प्रतिमा विराजित है। यहां मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले वह उसी मंदिर में दर्शन करने गये।
फिर सीमंधर स्वामी की प्रतिमा सिर पर उठाकर ले आये। अपने कार्यालय में प्रवेश करते हुये भी इन्होंने सीमंधर स्वामी की प्रतिमा को कार्यालय में स्थापित किया। श्रद्धा होना बहुत अच्छी बात है पर श्रद्धता के साथ शुद्धता रखना, पावनता, आदर- उचित सम्मान भी बहुत जरूरी है। जूतों के साथ अनेक लोग। अशुद्ध वस्त्रों में प्रतिमा को लाना, जूते पहने, फिर उतारकर यू ही स्पर्श करना।
यह प्रतिमा का, भगवान का अनादर है, जैनत्व का अपमान है। मुख्यमंत्री पद पर रहना एक बात है और भगवान के प्रति सम्मान उससे बड़ी बात। पर नेताओं को कौन समझाये, चलिये इनसे भी कहेंगे, जरा गिरनार को जैनों को दिलवाने में सहयोग करें।