जज्बा और जुनून – #गिरनार जी के इतिहास में पहली बार -एक पैर से दिव्यांग भाई गिरनार पर्वत की 19,998 सीढ़िया- पूरी यात्रा 15 घंटों में संपन्न की

0
1003

16 जुलाई 2022/ श्रावण कृष्ण तीज /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/
जज्बे और जुनून, आपने बहुत देखे होंगे। पर ऐसा जज्बा शायद इतिहास के पन्नों में ही सुना या पड़ा होगा। कभी देखा नहीं होगा। एक पैर से, जिस दिव्यांग भाई का बचपन में ही पैरों ने साथ छोड़ दिया हो, पर उसके जुनून को दोगुना कर दिया हो , उसने आज जैन समाज के अधिकांश जैन भाइयों को आंखें झुकाने को मजबूर कर दिया, जो गिरनार की यात्रा नहीं करने आते। उसने अपने जज्बे से दिखा दिया कि अगर यहां की तीर्थ यात्रा करोगे, तो हमारा तीर्थ बचेगा और चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी उसके इस जनून का अभिनंदन करता है।

यदि आदमी में जुनून हो तो उसके लिए दुनिया का कोई भी काम असंभव नहीं है इसी प्रकार का एक उदाहरण हमें गिरनार जी में देखने को मिला रिशु तोष जैन वास्तु एक्सपर्ट जो सिद्धचक्र विधान में दिल्ली से पधारे , वह दिव्यांग भाई है, वैशाखी से चलते हैं, गिरनार पर्वत की तलेटी से लेकर पांचवी टोंक की यात्रा जिसमें 9999 सीढ़ी जाना तथा वापस आना, ना कोई डोली, ना कोई रोपवे, पूरी यात्रा 15 घंटों में संपन्न की जो की गिरनार जी के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है हम उनके भक्ति भाव को तथा उनके आत्मविश्वास की सराहना करते हैं

जज्बा और जुनून ऐसा कि आप अपनी आंखों पर भरोसा नहीं कर पाएंगे , जब एक दिव्यांग भाई ने एक पैर से , गिरनार पर्वत की यात्रा यानी 19998 सीढ़ियां यूं चढ़कर दिखा दी।
दिल्ली जैन समाज द्वारा दिनांक 7 जुलाई 22से 13 जुलाई 22 तक सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया, जो इस अतिवृष्टि में भी कार्यक्रम बहुत ही अच्छा रहा, इस समय गुजरात में (जूनागढ़ तलेटी में) मूसलधार बरसात 1 सप्ताह से चालू है, यात्रियों का प्रवास एवं विधान कार्यक्रम तलेटी स्थित श्री बड़ीलालजी दिगंबर जैन मंदिर में संपन्न हुआ, वहां की आवास व्यवस्था बहुत अच्छी रही। दिल्ली के कुछ यात्रियों ने तलेटी मंदिर से प्रारंभ होकर प्रथम शिखर पर होकर पांचवें शिखर तक यात्रा की गई, बरसात में की गई यात्रा का दृश्य अलग ही था,।

इस यात्रा में मुख्य आकर्षक केंद्र एक पैर से दिव्यांग भाई रिशु तोष जैन दिल्ली रहे, इन्होंने दिव्यांग होते हुए भी करीबन 15 घंटे में 9999 सीढ़ियां की यात्रा बैसाखी का सहारा लेते हुए की, जो अब तक के इतिहास में ऐसे विकलांग की पहली यात्रा होगी, आज सारे जूनागढ़ शहर एवं तलेटी में चर्चा का विषय बना हुआ है, गिरनार तलेटी स्थित समाज ने भी इस यात्री का बहुत सहयोग किया एवं स्वागत किया। गिरनार में ऐसे धार्मिक आयोजन हमेशा होते रहना चाहिए, और ऐसी यात्राओं का धार्मिक संगठनों को भी स्वागत करना चाहिए।

गिरनार तलेटी स्थित जैन ट्रस्ट, कमेटियां वहां पर साधु संतों को आगे से चतुर्मास कराने का प्रोग्राम बनाती है, तो मेरा मानना है वहां पर जैन समाज महाराज जी के दर्शन करने तो पहुंचेगा ही, साथ ही पांचवें शिखर पर स्थित नेमिनाथ भगवान के चरणों के भी दर्शन मिलेंगे, 4 महीने तक इस क्षेत्र मे धर्म की गंगा बहेगी। वहां का विकास भी तेज गति से चलेगा, मेरा मानना है कि जैन समाज द्वारा इस सिद्ध क्षेत्र पर समय-समय पर जो 1 वर्ष में तीन बार अषटानिका पर्व आते हैं उनका आयोजन करना चाहिए, गिरनार सिद्ध क्षेत्र पर ऐसे धार्मिक आयोजन, एवं धार्मिक यात्राएं वर्ष भर में कई बार होनी चाहिए, जिन की व्यवस्थाएं, तीर्थ क्षेत्र कमेटी, एवं वहां के जैन ट्रस्ट के पदाधिकारियों को संभाल नी चाहिए, और उन कमेटियों को चाहिए कि ऐसे यात्रियों का समय निकालकर हार्दिक अभिनंदन स्वागत करें, ऐसी मेरी पहल है, मेरा मानना है वहां पर जैन दर्शनार्थी का तांता लग जाएगा।

भागचंद जैन सोगानी (शिवदासपुरा जयपुर)
राष्ट्रीय महामंत्री
श्री सकल दिगंबर जैन समाज समिति केंद्रीय कार्यालय विदिशा (भारत)9887000828, संजय जैन जूनागढ़ गिरनार