सिद्ध क्षेत्र गिरनार यात्रा – अत्यन्त सरल -घर बैठकर गिरनार पर हमारा अधिकार है कहने से काम नही चलेगा

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मैंने अभी हाल ही में 27 जनवरी को गिरनार जी की सफल यात्रा की है। मैं बताना चाहता हूँ यह यात्रा बहुत ही सरलता से की जा सकती है, अभी तक डरता था। परन्तु अब कहना चाहता हूँ कि अत्यन्त सरल है। आप भी अवश्य जायें।
रोपवे से दूसरी टोंक पर ले जाया जाता है। कुछ जवान साथी जो पैदल चलते रहते हैं, सुबह 4 बजे जाकर पूरी पैदल यात्रा करके 11बजे तक लौट आये।
उम्रदराज लोग थकान कम करने के लिए दो भागों मे कर सकते हैं। पहले दिन पैदल चल कर मंदिर (प्रथम टोंक) तक जायें, अभिषेक पूजन करें फिर दूसरी टोंक पर जायें। वहां से रोपवे से नीचे आ जायें।
दूसरे दिन रोपवे से आने जाने का टिकट लेकर जायें। पहुंच कर तीसरी टोंक दर्शन कर पाँचवीं टोंक दर्शन कर लौट कर रोपवे से वापिस आजायें।
चौथी टोंक जो तीसरी और पाँचवीं के बीच सीधे खडे़ पहाड़ी पर है, जिसके लिये कोई सीढ़ी नही बनी हैं, फिर भी कुछ जवान लोग गये।
वहाँ तलहटी मे धर्मशाला बहुत अच्छी बनी हुई है, उसी भोजनालय में बहुत बढिया सादा भोजन उपलब्ध है।
दिल्ली से आश्रम एक्सप्रेस से अहमदाबाद व आगरा से राजकोट टूण्डला ट्रेन है। राजकोट से गिरनार जी की दूरी लगभग 100कि.मी. एवं अहमदाबाद से 300 कि.मी. है।
भावना भाता हूँ भगवान नेमीनाथ का आशीर्वाद आपको भी मिले। जैनियों को वहाँ अवश्य जाना चाहिए। यहाँ बैठकर गिरनार पर हमारा अधिकार है कहने से काम नही चलेगा।
सत्येन्द्र जैन,मंत्री – जैन मिलन साहिबाबाद