गुजरात CM को धन्यवाद कहना जैन यात्री गिरनार की पांचवी टोंक से जिंदा लौट आया

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जैन समाज के एक प्रमुख सिद्ध क्षेत्र है, गुजरात जूनागढ़ में, गिरनार जी, उर्जयंत शिखर, जिसकी पांचवी टोंक से 22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी मोक्ष गए, और हजारों वर्ष प्राचीन यह टोंक धीरे-धीरे बदलती गई और पंडो का जैसे वर्चस्व बढ़ने के साथ , आतंक भी बढ़ गया , ना जयकारा बोल सकते हो, ना अर्घ चढ़ा सकते हो और परिक्रमा करने पर रुकना नहीं।

ऐसी कई शर्तों के साथ जैन बंधु , आज अपनी सिद्ध भूमि पर दर्शन करने को जैसे मोहताज हो गए। बाहर चौकसी करने वाला हो या अंदर कुंडली मारकर बैठे हुए पंडे, जैन बंधुओं से बदतमीजी करने से बाज नहीं आते।

उनके चित्र कैमरे में कभी कैद नहीं हो पाए क्योंकि वे मोबाइल तक अंदर नहीं ले जाने देते।

लेकिन आज जो बदतमीजी हुई, उसे कैमरे में कैद कर ही लिया और उसने समाज के सामने एक बड़ा प्रश्न खड़ा कर दिया है कि क्या दर्शन भी आराम से नहीं कर सकते ?

बदल दी टोंक, मिटाया जा रहा है इतिहास । पर क्या तब भी इतनी बदतमीजी। कोई रोक तो करने वाला नहीं, ऐसी गुंडागर्दी एक प्रकार से जैन समाज पर हमला ही है। ऐसे दृश्य देखकर लगता है, जैसे हमारे मुनि श्री प्रबल सागर जी पर किस तरह हमला किया होगा। तबके वो दृश्य अपने आप मन मस्तिष्क पर जाता है ।

आज की इस दुर्घटना का वीडियो आप चैनल महालक्ष्मी पर देख सकते हैं। पहली बार गिरनार जी में पांचवी टोंक पर पंडो के आतंक चित्रों में हुआ कैद, क्या हमारी कमेटियां कुछ कार्यवाही करेंगी या फिर चुप रहेंगी,