09 अगस्त 2023/ श्रावण कृष्ण नवमी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन / EXCLUSIVE
जैन समाज की बड़ी कमेटियां और अधिकांश जैन लोग यह मानने लगे हैं कि गिरनार जैन समाज के हाथ से निकल गया है। उस पर कुछ नहीं किया जा सकता । यह कुछ वैसे ही है, जैसे बिना लड़ने की कोशिश के ही, आत्म समर्पण करना । कितनी अजीब बात है कि आज सत्य भी हार की दृष्टि से देखा जा रहा है। संतों से सुना और शास्त्रों से पढ़ा है कि सत्य कभी पराजित नहीं होता। सत्य कभी झूठ से हारता नहीं और सत्य का साथ देने वाले हमेशा विजयी ही होते हैं।
क्या जैन आगम के ग्रंथ झूठ है? क्या तीर्थंकर नेमिनाथ वहां से मोक्ष गए ही नहीं?
क्या गिरनार का कण कण करोड़ मुनियों की मोक्ष धरा नहीं है?
हकीकत में हम अपनी छोटी गिनती और अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए हार मानने को तैयार है । हकीकत में हमारी कमेटियों ने इस तीर्थ के प्रति कभी गंभीरता दिखाई ही नहीं।
चैनल महालक्ष्मी आने वाले कुछ समय में गिरनार पर एक सीरीज के रूप में लोगों को जानकारी देता रहेगा, जिसमें पहली कड़ी में आज, बुधवार को गुजरात सरकार की वेबसाइट का खुलासा किया है, जो एपिसोड नंबर 2039 में आप लोगों ने देख ही लिया होगा ।
अब जैन समाज को सच्चाई की आवाज उठाने पर, इस गिरनार पर कैसे मिला स्टे ऑर्डर यानी अंतरिम आदेश। इसके 11 पॉइंट के अपने ऑर्डर में माननीय अदालत ने क्या-क्या लिखा?
दोनों तरफ से क्या-क्या कहा गया और अदालत ने उसे किस तरह माना? अंतरिम आदेश जारी करते हुए अदालत ने बहुत कुछ कहा, जिस पर कोई ठोस कार्यवाही करने की बजाय पुलिस, प्रशासन और सत्ता ने जैसे आंखें मूंद ली।
हकीकत में अगर, जैन समाज आज भी हिम्मत कर, कुशल नेतृत्व के साथ खड़ा हो जाए , तो आज नहीं तो कल, न्याय मिलने में देर नहीं होगी।
पिछले 10 सालों से हमने अदालत में कितने सबूत कहे अनुसार जमा किए, तारीखों पर क्या-क्या कहा, किया, अगर यह जान लेंगे तो सचमुच आप समझ जाएंगे कि हकीकत में गिरनार हमारे यहां से जा नहीं रहा, बल्कि हम तोहफे में दे रहे हैं ।
अगर यूक्रेन जैसा छोटा देश रूस से इतनी लंबी लड़ाई लड़ सकता है, तो समर्थ्यवान , ज्ञानवान , सत्य बात के लिए अदालत में जीत नहीं सकता? जरूर जीत सकता है , बशर्ते जज्बा होना चाहिए , लड़ने की हिम्मत होनी चाहिए ।
शतुरमुर्ग की तरह रेत में मुंह दबाने से सुरक्षित नहीं होते।
कल, गुरुवार रात्रि 8:00 बजे, 2041 एपिसोड में चैनल महालक्ष्मी इस स्टे ऑर्डर में दिए 11 बिंदुओं से जैन समाज को जानकारी देगा, कि अदालत ने क्या क्या कहा था और उसमें से किन बातों पर सत्ता, प्रशासन ,पुलिस ने आंख मूंद ली और जैन समाज आज तक चुप बैठा है, पिट रहा है , अपने तीर्थ पर गली- गलौज सुन रहा है , जयकारा नहीं बोल पा रहा, पूजा आदि नहीं कर पा रहा , जबकि अदालत का आदेश कुछ और कहता है।
पट्टी बंधी आंखों वाली न्याय देवी, कभी भीड़ देखकर न्याय नहीं करती, कभी सत्ता देखकर उसका पक्ष नहीं देती, कभी डंडा चलाने वाली पुलिस का गलत साथ नहीं देती, पर अगर अदालत में सही आवाज नहीं उठाएंगे, मुंह बंद रखोगे, तो फिर वह न्याय की मूर्ति कुछ नहीं कर पाएगी , इतना तो पढ़ा ही होगा।
देखिएगा जरुर, 10 अगस्त को, रात्रि 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी पर एपिसोड नंबर 2041