08 दिसंबर 2023 / मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी /चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी/ शरद जैन/EXCLUSIVE
जैन तीर्थों पर, देश की संस्कृति, पुरातन से छेड़छाड़ और बदलाव में, जैसे कोई कुचक्र चल रहा है उसमें अब कुछ संत, महंत भी अपनी-अपनी भाषा में , मानो दबाव बताकर, झूठी बातों से उकसाये जा रहे हैं या मजबूर हो रहे हैं। उसका एक जीवंत उदाहरण मिला , जब टीकमगढ़ और मथुरा में अपने अखाड़े में रहने वाले महंत सीताराम दास निर्मोही ने, जैनों के खिलाफ, पहले अपने फेसबुक पर पोस्ट डालकर, जैनों के समूल विनाश की बात लिखी और फिर अगले ही दिन यानी कल 25 मिनट का वीडियो जारी कर बार-बार कुछ अपशब्दों के साथ, यह भी कह दिया अपने मुख से कि अगर जैन गिरनार गए और उनको सूचना मिल गई , तो वह जैनों का समूल विनाश करने से नहीं रुकेंगे
उनकी यह धमकी क्या जैन और हिंदू भाइयों में , जो श्रमण और वैदिक परंपरा से सनातन रूप से, साथ-साथ चलते आ रहे हैं , दुख सुख में साथ रहे हैं,
क्या अब उनके बीच में धार्मिक उन्माद व वैमनस्य से, दीवार खड़ी करने की कुछ साजिश तो नहीं हो रही?
इसके लिए चैनल महालक्ष्मी ने भी अपना प्रयास किया। जब हमारी बड़ी कमेटियां, जैसे तीर्थक्षेत्र कमेटी ,अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने लगे , अपना कर्तव्य निभाने में कहीं ना कहीं चूक करने लगे, तो आपकी भाषा में, सड़क छाप भी कुछ लोग, अपने धर्म की , संस्कृति की, चल अचल तीर्थों की सुरक्षा में , उठ खड़े होते हैं। अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं, अपने देश की आन, बान , शान के लिए, संस्कृति के बचाव के लिए और श्रेष्ठतम धर्म की, संस्कृति की सुरक्षा के लिए ।
ऐसे ही प्रयास चैनल महालक्ष्मी करता रहा है और अब महंत सीताराम दास निर्मोही से बहुत बात की। उन्होंने बहुत अपशब्द कहे , अपनी बात भी रखी, अपने भजन सुनाए और अपशब्दों की बौछार और धमकी से नहीं चूके। एक नहीं, दो नहीं, कई बार, पर फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने कहा भगवान नेमिनाथ जी की जय और जैनों के लिए जय जिनेंद्र। उनके भाव में क्या था, क्या है और हकीकत में, यह वही महंत है , जो शिखर जी के आंदोलन में जैन समाज के साथ खड़े थे उनके मंच पर, जैनों के लिए आवाज उठा रहे थे।
फिर ऐसा कैसे बदलाव? सब जानिए आज चैनल महालक्ष्मी के शुक्रवार, 8दिसंबर, रात्रि 8:00 बजे आने वाले एपिसोड नंबर 2286 में। स्पष्ट है , दुश्मन मत बनाइए, दोस्त बनाते चलें ।
दूसरों की भ्रांतियां, कैसे दूर करनी है यह हमारी , आज की वर्तमान तीर्थ क्षेत्र कमेटी को चिंतन करना होगा। दिल जीतना चाहिए, अपनी वाणी से ,अपने प्रयास से और गलतफहमियां कैसे दूर होती हैं ,आज आपको वह चैनल महालक्ष्मी दिखाएगा, जिसकी आज बहुत आवश्यकता है। देखिएगा जरुर, आज रात्रि शुक्रवार, 8 दिसंबर को,
पहले दोपहर डेढ़ से 5:00 बजे तक, 25 संतों का उदघोष क्यों सत्ता है मौन? लाइव इसी चैनल महालक्ष्मी यूट्यूब पर और फिर रात्रि 8:00 बजे एक महंत, जो जैनों का समूल नाश करने को कहते हैं, उनसे सीधी चर्चा और उनके हृदय में क्या है? जानिए जरूर।निर्मोही अखाड़े के संत ने कहा गिरनार पर सूचना देकर जाना , जैनों का समूल विनाश कर देंगे, पर यह भी कहा अब , भगवान नेमिनाथ की जय, कैसे और कब
जैन तीर्थों पर, देश की संस्कृति, पुरातन से छेड़छाड़ और बदलाव में, जैसे कोई कुचक्र चल रहा है उसमें अब कुछ संत, महंत भी अपनी-अपनी भाषा में , मानो दबाव बताकर, झूठी बातों से उकसाये जा रहे हैं या मजबूर हो रहे हैं। उसका एक जीवंत उदाहरण मिला , जब टीकमगढ़ और मथुरा में अपने अखाड़े में रहने वाले महंत सीताराम दास निर्मोही ने, जैनों के खिलाफ, पहले अपने फेसबुक पर पोस्ट डालकर, जैनों के समूल विनाश की बात लिखी और फिर अगले ही दिन यानी कल 25 मिनट का वीडियो जारी कर बार-बार कुछ अपशब्दों के साथ, यह भी कह दिया अपने मुख से कि अगर जैन गिरनार गए और उनको सूचना मिल गई , तो वह जैनों का समूल विनाश करने से नहीं रुकेंगे उनकी यह धमकी क्या जैन और हिंदू भाइयों में , जो श्रमण और वैदिक परंपरा से सनातन रूप से, साथ-साथ चलते आ रहे हैं , दुख सुख में साथ रहे हैं,
क्या अब उनके बीच में धार्मिक उन्माद व वैमनस्य से, दीवार खड़ी करने की कुछ साजिश तो नहीं हो रही? इसके लिए चैनल महालक्ष्मी ने भी अपना प्रयास किया।
जब हमारी बड़ी कमेटियां, जैसे तीर्थक्षेत्र कमेटी ,अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने लगे , अपना कर्तव्य निभाने में कहीं ना कहीं चूक करने लगे, तो आपकी भाषा में, सड़क छाप भी कुछ लोग, अपने धर्म की , संस्कृति की, चल अचल तीर्थों की सुरक्षा में , उठ खड़े होते हैं।
अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं, अपने देश की आन, बान , शान के लिए, संस्कृति के बचाव के लिए और श्रेष्ठतम धर्म की, संस्कृति की सुरक्षा के लिए । ऐसे ही प्रयास चैनल महालक्ष्मी करता रहा है और अब महंत सीताराम दास निर्मोही से बहुत बात की। उन्होंने बहुत अपशब्द कहे , अपनी बात भी रखी, अपने भजन सुनाए और अपशब्दों की बौछार और धमकी से नहीं चूके। एक नहीं, दो नहीं, कई बार, पर फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने कहा भगवान नेमिनाथ जी की जय और जैनों के लिए जय जिनेंद्र।
उनके भाव में क्या था, क्या है और हकीकत में, यह वही महंत है , जो शिखर जी के आंदोलन में जैन समाज के साथ खड़े थे उनके मंच पर, जैनों के लिए आवाज उठा रहे थे। फिर ऐसा कैसे बदलाव? सब जानिए आज चैनल महालक्ष्मी के शुक्रवार, 8दिसंबर, रात्रि 8:00 बजे आने वाले एपिसोड नंबर 2286 में।
स्पष्ट है , दुश्मन मत बनाइए, दोस्त बनाते चलें । दूसरों की भ्रांतियां, कैसे दूर करनी है यह हमारी , आज की वर्तमान तीर्थ क्षेत्र कमेटी को चिंतन करना होगा। दिल जीतना चाहिए, अपनी वाणी से ,अपने प्रयास से और गलतफहमियां कैसे दूर होती हैं ,आज आपको वह चैनल महालक्ष्मी दिखाएगा, जिसकी आज बहुत आवश्यकता है।
देखिएगा जरुर, आज रात्रि शुक्रवार, 8 दिसंबर को, पहले दोपहर डेढ़ से 5:00 बजे तक, 25 संतों का उदघोष क्यों सत्ता है मौन? लाइव इसी चैनल महालक्ष्मी यूट्यूब पर और फिर रात्रि 8:00 बजे एक महंत, जो जैनों का समूल नाश करने को कहते हैं, उनसे सीधी चर्चा और उनके हृदय में क्या है? जानिए जरूर।