जैनों के लिए अब #गिरनार जी में कुछ नहीं बचा , खत्म कर दिए तीर्थंकर श्री #नेमिनाथ जी के चरण और बना दिया उसे पूरी तरह #दत्तात्रेय मंदिर-वीडियो के साथ चैनल महालक्ष्मी का खुलासा

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-SANDHYA MAHALAXMI EXCLUSIVE-
यह कमियों का ठीकरा, असफलता की कहानी, जैन समाज के लिए अनमोल विरासत का छीना जाना , इन सब का दोषी किसे कहा जाए?

कुर्सियों पर बैठे विभिन्न समितियों के नेतागण या वह जैन समाज, जो अपनी पावन गिरनार धरा पर दर्शन करने के लिए समय – समय पर नहीं पहुंच पाया। जो पहुंचा भी, वह इतिहास को नहीं सजो पाया। हम इतने डरपोक और कमजोर है, कि वहां की एक फिल्म तो क्या, फोटो भी नहीं खींच पाते।

जिनको हमने इसकी सुरक्षा की बागडोर दी थी, उन्होंने भी, कानूनी दांवपेच तो लड़ने की कोशिश की, पर उसी कानून के सहारे यहां पर, आज तक सीसीटीवी कैमरे, यहां की सुरक्षा के लिए लगवाने के लिए, कभी गुजारिश नहीं की ।

अरे वह तो छोड़िए ,कभी यह तक नहीं करा कि प्रशासनिक सहयोग लेकर, यहां की वास्तु स्थिति उसी अनुसार रखी जाए । इसके लिए वहां पर समय समय पर वीडियो फिल्म बनाकर ,वास्तु स्थिति, जस की तस रखने के सबूत भी इकट्ठे रखने की कोशिश नहीं की गई और ईट से ईंट बदलती चली गई और हमारे नेमिनाथ भगवान जी को समय के साथ इस तरह बदल दिया, जैसे यहां कोई जैनों का इतिहास अब रहा ही नहीं।

इतना आतंक मचा दिया और हम डरपोक, कायर की तरह चुपचाप बैठे रह गए और आज उसी के चलते, जो हजारों वर्ष का इतिहास था, उसे भी 20-30 साल के अंदर ऐसे मिटा दिया, जैसे वह कुछ था ही नहीं।

22वें तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी के चरण भी ,अब आप ढूंढते रह जाएंगे और आपको सिर्फ दिखाई देगी दत्तात्रेय जी की मूर्ति और उन्हीं की चरण पादुका। कुछ बरस तक के पूर्व तक जहां पर तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी के चरण की मात्र उंगलियां छूने को मिल जाती थी।

अब वहां पर आपको केवल दत्तात्रेय के नए नए बने ग्रेनाइट के ऊपर चरण दिखाई देंगे । नहीं खींच पाए ,हम कोई फोटो ,नहीं रख पाए हम कोई रिकॉर्ड ,नहीं जमा कर पाए हम कोई सबूत ।

यह हम लोगों के एसी कमरों में बैठकर यहां की सुरक्षा का खोखला आश्वासन देकर समाज को एक प्रकार से अंधेरे में रखा गया । हकीकत में खुद कुछ कर नहीं पाए और किसी को आगे भी नहीं ले, जिस से उसी तरह का जवाब दिया जा सकता। सब कुछ बदल गया। कुछ नहीं हुआ या केवल यही, कि अदालत में लड़ रहे हैं, तारीख पर तारीख पड़ी है और हकीकत में मैदान में सब कुछ बदला जा रहा है।

इस जगह की सुरक्षा के लिए, तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष ने संभवत निकट भविष्य में शायद कभी भी पांचवी टोंक तक नहीं गए होंगे और वही बंडी लाल कारखाना की ओर से निर्मल कुमार बंडी जी के जाने के बाद, शायद आज तक उनके अध्यक्ष या महामंत्री ने भी आज तक पांचवी टोंक पर जाकर कुछ देखा नहीं होगा ।

सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया और हकीकत में जैसे हमने भगवान नेमिनाथ जी को भी छोड़ दिया।

दोष किसका है, सिर्फ लीपापोती करते हुए यह कहकर पल्लू झाड़ लेना कि यहां पर कोई जैन आबादी नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि हमारा एक प्रमुख तीर्थ हमारे हाथ से यूं ही छूट जाए।

यह केवल हमारी कमजोरी को दर्शाता है। समाज के शीर्ष पर बैठे चंद लोगों की ठीलाई का खामियाजा, पूरे समाज को भुगतना पड़ रहा है। अभी तक, जब पूरा देश जान चुका है कि वहां चरण ही नहीं ,सब कुछ बदल दिया है, हमारी संस्थाएं अभी भी कागज तैयार करने में बिजी हैं , अदालत का दरवाजा खटखटाना तो बहुत दूर की बात है।

इस बारे में पहली बार वहां के फोटो नहीं, बल्कि वीडियो के साथ चैनल महालक्ष्मी इसका खुलासा करेगा कि जहां पर कभी तीर्थंकर श्री नेमिनाथ जी के चरण थे अब वहां पर कैसे दत्तात्रेय जी का पूरा मंदिर ही नहीं बना बल्कि श्री नेमिनाथ जी भगवान के चरणों को भी बदल कर अब उसका नाम दत्तात्रेय चरण पादुका रख दिया गया है

देखना ना भूलें यूट्यूब पर रविवार 8:00 बजे चैनल महालक्ष्मी के एपिसोड को और आपको पहली बार पता चलेगा, हमारी समितियों की कैसी असफलता रही कि हम अपने ही सिद्ध क्षेत्र की सुरक्षा करने में नाकामयाब रहे।