12 नवंबर 2023 / कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी/चैनल महालक्ष्मी और सांध्य महालक्ष्मी / अरविंद जैन रवि एडवोकेट
जैन समुदाय अल्पसंख्यक हैं इसलिए न्याय के अधिकार हेतू संघर्ष करनें तैयार रहैं संघर्षरत सदस्यों का मनोबल बढाइये ! जो गलत का विरोध करने नैतिक साहस ना जुटा पाए वह तटस्थता से समर्थन करें ।
सत्य परेशान होगा लेकिन पराजित नहीं होगा!!
न्यायपालिका संविधान पर विश्वास करिए !
यह तो सर्वविदित है जैनदर्शन अनुयायियों की जन-गणना अल्पसंख्यक भाषा लिपि संस्कृति की होंने से अल्पसंख्यक का दर्जा अनुच्छेद 29 के अनुसार संविधानिक सुरक्षा संरक्षण मौलिक अधिकार भारत सरकार ने जैन समुदाय को प्रदान किया तो अब भारत सरकार हमें हमारे तीर्थ क्षेत्र संरक्षण हेतु विधि-विधान अधिनियम अध्यादेश द्वारा अधिकार देने विवश होगी ।
कुछेक कहते है जैन अनुयायियों की संख्या कम है तो क्या बहुसंख्यक समुदाय को अहिंसक समाज पर भी गुंडागर्दी गुंडाराज जंगल राज की छूट है!!
यदि संख्या बल कम है तो बहुसंख्यक सभी गिरजाघरों गुरुद्वारों स्तूपों पर हिन्दू जबरिया काबिज हो गयें होते।
हमारे विचार हमारी वैयक्तिक अभिव्यक्ति की आजादी है । जिसे संख्याबल के आधार पर स्वतंत्र विरोध फरियाद अभिव्यक्ति क्योंकर नहीं माना गया अब संख्या बल नही मनोबल बढाने की जरूरत है ।
न्यायपालिका संविधान पर विश्वास करिए।
अधिकार के लिए रोना होता है बिना रोएं तो ममतामयी माॅ भी अपने बच्चेको दूध नही पिलाती है!
आदरणीय आपकी सोच और हमारी सोच मे अभिव्यक्ति अभिमत भिन्न-भिन्न विचारधाराओं से भी भिन्न है धृष्टता क्षमा की प्रार्थना सहित भ्रांति हमे भी हो सकती है फैसला लोकतंत्रीय व्यवस्था मे जैन जनतांत्रिक प्रजातंत्र पर छोड़ दे !!
विधि का शासन समता समान संरक्षण का है फिर … सभी भूमि सरकारी है…और अन्य भी तो सरकारी भूमि पर जबरिया काबिज होकर धार्मिक संरचना भवन बनाने माहिर है जो हमें डरा धमका हमारी-आपकी एफआईआर कर खुद तलवार लहरा आपराधिक कृत्य करेगे यह तो अन्याय-अत्याचार है ???
जो तटस्थ है समय लिखेगा उंसका भी अपराध……
समर शेष है, अहंकार इनका हरना बाकी है।।
वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है।।
समर शेष है, नहीं पाप का भागी केवल व्याध।
जो तटस्थ हैं, समय लिखेगा उनके भी अपराध।।
इतिहास गवाह है कि जब जब जालिम ने अन्याय-अत्याचार ज़ुल्म किया है और जो लोग तमाशा देखते रहे हैं तब तब उन तमाशबीनों का अंत भी बहुत बुरा हुआ है।
हर युग और हर समय में अन्यायी आतताइयों और अत्याचारियों का भय आतंक रहा।
बहुत लोग चुपचाप तटस्थता से मौन मूक सुनते निरपेक्ष रहे और वेदना अन्याय-अत्याचार सहते रहे….लेकिन जिसने भी उन अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई,इतिहास आज उनकी गौरव गाथा गाकर उन्हें सम्मान देता है।
सत्ता के डर से जो सत्य से समझौता कर ले ,सत्ता के साथ-साथ उसका भी विनाश सुनिश्चित है,।
महाभारत के महारथियों का असत्य का साथ देने से अपयश हुआ है
…..चाहे वह महायोद्धा कर्ण हो महाप्रतापी गंगापुत्र भीष्म क्यों ना हो….. रावण भी शक्तिशाली वनवासी साधन विहीन राम से पराजित हुए अभिमान सभी का खंडित होता रहा.है….
वर्त्तमान सत्तासीन सत्ताधारीयो का मिथ्याभिमान का मर्दन समयोचित निर्वाचन में अनवरत जनतांत्रिक तरीके से मिशन 2024 से 2029 तक प्रतिक्रियात्मक गोपनीय मत विरोध जैन मतदाता करें फिर
दूरदर्शी दूरदर्शिता आपका स्पष्टीकरण हम् किसी भी ##राजनैतिक विचारधारा से राग द्वेष नहीं है ! !
भारत का हितैषी कल्याणकारी संविधान न्यायालय
जो न्याय करें समता समानता निष्पक्षता नैसर्गिक न्याय का सम्मान करेगा । जो न्याय की करे बात उसका साथ हम देंगे साथ।
मतदान आपका वैयक्तिक गोपनीय अधिकार है जो जनतंत्र सत्ता का निर्णायक भी है !!!??
आइये हम अपने मताधिकार से हल निकालने शासन प्रशासन को मजबूर कर जागरूकता सशक्तिकरण का परिचय देवे।
जयकारे नेमिनाथ स्वामी के लगाए जयजय गिरिनार की अलख जन-जन में जगाए।।